मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश में कई जिलों के नाम बदलने की कवायद चल रही है. इसी बीच मिर्जापुर जिले (Mirzapur Name Change) का नाम माता विंध्यवासिनी के नाम पर किए जाने की मांग उठने लगी है. मंत्री, प्रोफेसर समेत आम जनता ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी को उसकी खोई पहचान दिलाने के लिए ये मांग की है. उनका कहना है कि जिले के बाहर जाने पर मिर्जापुर को लोग नहीं जानते. उन्हें विंध्याचल धाम बताना पड़ता है. लिहाजा माता विंध्यवासिनी के नाम पर जिले का नाम रखा जाए. 


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क्या है इस जिले के नाम के पीछे की कहानी
धर्म नगरी काशी और तीर्थराज प्रयागराज के बीच बसा मिर्जापुर पहले गिरजापुर के नाम से जाना जाता था. गिरजा यानी पार्वती का नगर कहा जाता था. इसका एक और अर्थ है, 'मीर' यानी समुद्र, 'जा' का मतलब पुत्री और 'पुर' का अर्थ नगरी. इस तरह मीरजापुर का मतलब हुआ समुद्र से उत्पन्न माता लक्ष्मी अर्थात लक्ष्मी माता विंध्यवासिनी की नगरी. कालांतर में इसे मिर्जापुर नाम दिया गया.  


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नाम लिखने में भ्रम की स्थिति
इस जिले का नाम लिखने में ही भ्रम की स्थिति है. प्रदेश सरकार जहां मीरजापुर लिखती है. वहीं, केंद्र मिर्जापुर लिखता आ रहा है. प्रदेश में ही जिले के नाम को अधिकांश लोग नहीं जानते. उन्हें विंध्याचल धाम बताना पड़ता है, तो वह जिले को समझ पाते हैं. लिहाजा लोगों की मांग है कि पर्यटन के विकास के लिए करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. ऐसे में मिर्जापुर का नाम विंध्याचल धाम के नाम पर किया जाना ज्यादा सही होगा. 


जिला प्रशासन को सौंपा पत्र
जिले के नाम को बदलने को लेकर विभिन्न संगठन प्रदर्शन कर मांग कर रहे हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे समाज के लोगों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री का संबोधित पत्र सौंपा. लोगों का कहना है कि मिर्जापुर नगरी माता विंध्यवासिनी के नाम से जानी जाती है. प्राचीन नगरी को उनके नाम से किया जाना सार्थक होगा. 


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