रायबरेली जिलाधिकारी ने भरी सभा में CMO को बोला 'गधा', कहा- खाल खींच जमीन में गाड़ दूंगा
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रायबरेली जिलाधिकारी ने भरी सभा में CMO को बोला 'गधा', कहा- खाल खींच जमीन में गाड़ दूंगा

जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद कैंप कार्यालय में अफसरों की बैठक बुलाई थी. जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्साधिकारी भी मौजूद थे.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को CMO ने लिखी चिट्ठी.

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने जिलाधिकारी पर अपशब्दों की सभी सीमाएं लांघने का आरोप लगाया है. आरोप है कि मीटिंग के दौरान डीएम ने सीएमओ को ‘तुम्हारी खाल खींच लूंगा, जमीन में गाड़ दूंगा और गधा‘ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर संबोधित किया. सीएमओ ने एक पत्र के जरिए बताया कि यह सब सुनकर उनकी तबीयत बिगड़ गई और मीटिंग छोड़कर वहां से चले गए. दरअसल, जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद कैंप कार्यालय में अफसरों की बैठक बुलाई थी. जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्साधिकारी मौजूद थे.

डॉक्टर के छुट्टी जाने पर भड़के जिलाधिकारी
सीएमओ संजय कुमार शर्मा ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को शिकायती पत्र के जरिए बताया कि मीटिंग में कोविड-19 के अस्पतालों में भोजन व्यवस्था प्रभारी डॉ. मनोज शुक्ला के अनुपस्थित होने का मामला उठा. जिस पर डीएम को बताया गया कि डॉ. शुक्ला की पत्नी कैंसर पीड़ित हैं और उनकी लखनऊ में डायलिसिस होनी है. फोन पर उन्होंने पत्नी के इलाज के लिए छुट्‌टी मांगी थी, जिसे स्वीकृत कर दिया गया. सीएमओ संजय कुमार शर्मा का कहना है कि इसी बात से जिलाधिकारी भड़क गए और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने 'गधा' कहकर संबोधित किया. साथ ही भरी सभा में खाल खिंचवाने और जमीन में गाड़ देने तक की धमकी दी. सीएमओ का आरोप है कि जिलाधिकारी आए-दिन डॉक्टर्स से अभद्र भाषा में बात करते हैं. उन्होंने कोरोना वॉरियर्स का काम करना असंभव कर दिया है. डॉक्टर्स के सम्मान की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई की जानी चाहिए.

'जिलाधिकारी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द गाली नहीं'
हालांकि इस पूरे प्रकरण पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ रायबरेली ने त्वरित हस्तक्षेप कर मामले का पटाक्षेप कर दिया. संघ के अध्यक्ष डॉ अल्ताफ हुसैन ने एक पत्र जारी कर कहा कि जिलाधिकारी और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें यह तय किया गया कि जिलाधिकारी द्वारा कहे गए शब्द गाली की श्रेणी में नहीं आते हैं. जिसके बाद आपसी सहमति पर सभी प्रकार की भ्रान्तियों का निराकरण करा दिया गया है.

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