यूपी भाजपा की ओर से एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में राज्यसभा नामांकन करने वाले जफर इस्लाम 71 करोड़ 13 लाख 53 हजार 953 रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. 52 वर्षीय जफर इस्लाम के नाम पर एक भी मुकदमा नहीं है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी जफर इस्लाम का चुना जाना तय हो चुका है. समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रह चुके अमर सिंह के निधन के ये सीट खाली हुई थी. पहले इस सीट पर भाजपा से जफर इस्लाम के अलावा पार्टी के ही दूसरे नेता गोविंद नारायण शुक्ला ने भी नामांकन किया था. हालांकि आज आखिरी दिन नामांकन के अंतिम दिन गोविंद नारायण ने अपना नामांकन वापस लेने वाले हैं. ऐसे में जफर इस्लाम का चुना जाना तय हो चुका है.
जफर इस्लाम की जगह मंत्री सुरेश खन्ना ने भरा था पर्चा
5 दिन पहले राज्यसभा का नामांकन पत्र भरने जफर इस्लाम खुद नहीं पहुंचे थे. उनकी जगह प्रतिनिधि के तौर पर यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने उनका नामांकन पत्र दाखिल किया था. बताया गया कि जफर इस्लाम कोरोना से पीड़ित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.जिसकी वजह से वह नामांकन में शामिल नहीं हो सके थे.
डमी कैंडिडेट गोविंद नारायण शुक्ल
जफ़र इस्लाम का नामंकन पत्र जांच में सही पाया गया है. पर्चा खारिज होने के अंदेशे के चलते भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन 1 सितम्बर को गोविन्द नारायण शुक्ल का पर्चा भरवाया था. चूंकि जफ़र इस्लाम का पर्चा जांच में सही पाया गया है, ऐसे गोविंद नारायण शुक्ल अपना नामांकन वापस ले रहे हैं.
जफर इस्लाम हैं बीजेपी के करोड़पति कैंडिडेट
यूपी भाजपा की ओर से एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में राज्यसभा नामांकन करने वाले जफर इस्लाम 71 करोड़ 13 लाख 53 हजार 953 रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. 52 वर्षीय जफर इस्लाम के नाम पर एक भी मुकदमा नहीं है. तीन लग्जरी कारों के साथ पत्नी के पास एक किलो सोना भी एफिडेविट में बताया गया है.
सिंधिया को बीजेपी में लाने का इनाम है राज्यसभा टिकट
बताया जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल कराने में जफर की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. इस पूरे एपिसोड में बीजेपी की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य सहायता दी गई है. ऐसे में उनका राज्यसभा टिकट इसका इनाम माना जा रहा है.
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