अयोध्या से जनकपुर तक निकाली जाएगी राम बारात, CM योगी और नेपाल के राजा हो सकते हैं शरीक
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अयोध्या से जनकपुर तक निकाली जाएगी राम बारात, CM योगी और नेपाल के राजा हो सकते हैं शरीक

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के तत्वावधान में अयोध्या से जनकपुर (नेपाल) तक निकाली जाने वाली राम बारात इस साल और ज्यादा धूमधाम से निकाली जाएगी. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और नेपाल के राजपरिवार के शामिल होने की संभावना है.

दशहरा के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अध्योध्या में भव्य आयोजन कराया था. फाइल तस्वीर

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से राम मंदिर (Ram temple) के पक्ष में आए फैसले के बाद लोगों में खूब उल्लास देखने को मिल रहा है. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के तत्वावधान में अयोध्या से जनकपुर (नेपाल) तक निकाली जाने वाली राम बारात इस साल और ज्यादा धूमधाम से निकाली जाएगी. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और नेपाल के राजपरिवार के शामिल होने की संभावना है. श्रीराम विवाह आयोजन समिति के संयोजक राजेन्द्र सिंह पंकज ने बताया, 'बारात 21 नवंबर को धूमधाम से निकाली जाएगी. यह बारात विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए 28 नवंबर को जनकपुर पहुंचेगी. 29 नवंबर को दशरथ मंदिर के प्रांगण में तिलकोत्सव, 30 नवम्बर को कन्या पूजन के अलावा मटकोर का आयोजन किया जाएगा.'

पंकज ने बताया, 'विवाहोत्सव से पहले रामलीला में धनुष यज्ञ का भी आयोजन होगा. फिर रात में विधिपूर्वक विवाह संपन्न होगा. दो दिसंबर को कलेवा का आयोजना होगा. इस दौरान निर्धन बालिकाओं का सामूहिक विवाह भी अयोजित किया जाएगा. फिर तीन दिसम्बर को जनकपुर से बारात वापस आ जाएगी.'

उन्होंने बताया, 'बारात कार और बस से जाएगी. इसके साथ भगवान के स्वरूपों का रथ भी शामिल होगा. राम बारात की शुरुआत लक्ष्मण किलाधीश महंत सीतारामशरण महाराज ने की थी. इस बार बारात में हरिद्वार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के संत शामिल होंगे. इसके अलावा नेपाल के राज परिवार के शामिल होने की संभावना है. आमंत्रण उन्हें भी भेजा गया है.'

विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया, 'यह बारात में हर पांचवें वर्ष निकलती है. 2004 से इसकी जिम्मेदारी विहिप को मिली है. पहले यह बारात अयोध्या में ही निकाली जाती थी. लेकिन इसके बाद विहिप ने इसका बेड़ा उठाया है. पहली बार में नृत्यगोपाल दास, अशोक सिंहल, नेपाल नरेश राजा ज्ञानेन्द्र भी शामिल हुए थे. इस बार मुख्यमंत्री योगी के शामिल होने की संभावना है.'

उन्होंने बताया, 'यह बारात धर्मयात्रा महासंघ के बैनर तले निकाली जाएगी. इसकी शुरुआत 2004 में हुई थी. इसके बाद 2009 और 2014 में निकाली गई. अब 2019 में निकाली जानी है. बारात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है.'

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