Significance Of Swastik: शुभ और मांगलिक काम करने से पहले क्यों बनाते हैं स्वास्तिक, जानें 'निशान' की चार भुजाओं का महत्व
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Significance Of Swastik: शुभ और मांगलिक काम करने से पहले क्यों बनाते हैं स्वास्तिक, जानें 'निशान' की चार भुजाओं का महत्व

Significance Of Swastik : हिंदू धर्म में स्वास्तिक को मंगल का प्रतीक माना गया है. स्वास्तिक को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. घर के अंदर या बाहर शुभ कार्यों या पूजा के दौरान स्वास्तिक बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसे बनाने से घर पर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. स्वास्तिक चिन्ह. हिंदू धर्म के प्रसिद्ध ऋगवेद में स्वास्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है.

Significance Of Swastik: शुभ और मांगलिक काम करने से पहले क्यों बनाते हैं स्वास्तिक, जानें 'निशान' की चार भुजाओं का महत्व

 Significance Of Swastik : आपने अक्सर देखा होगा कि हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले या घर में कोई नई चीज आने पर सबसे पहले स्वास्तिक बनाया जाता है.घर में बाइक, कार, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन कुछ भी नई चीज आती है तो उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है. यह परंपरा कई हजारों वर्ष पुरानी है. क्या आप जानते हैं इसका क्या महत्व है और इस चिह्न को क्यों बनाया जाता है? अगर नहीं, तो जानते हैं...

जानते हैं क्यों बनाते हैं स्वास्तिक?

हिन्दू धर्म में स्वास्तिक को काफी पवित्र माना गया है. इसे शक्ति, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक कहा गया है. पुराणों के अनुसार, स्वास्तिक हमारे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा शक्ति को बाहर कर सकारात्मक ऊर्जा लाता है. स्वास्तिक भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले इस चिह्न को बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि स्वास्तिक बनाने पर गणेश जी का वास होता है, जिससे वह कार्य या वस्तु लंबे समय तक चलती है.  किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करने से उसमें किसी तरह की बाधा नहीं आती.

जानें स्वास्तिक की चार भुजाओं का महत्व

स्वास्तिक की चार भुजाएं होती हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में स्वास्तिक की चारों भुजाओं को ब्रह्माजी के चार मुख, चार हाथ और चार वेदों के रूप में वर्णित किया गया है. इसे चारों दिशाओं के रूप में ब्रह्मा के चार मुख के रूप में भी देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि किसी भी स्थान पर बनाने पर वहां पॉजिटिव एनर्जी का संचार ​होता है.

कैसे और किन चीजों से बनाएं स्वास्तिक

स्वास्तिक चिह्न पूजा के दौरान विशेष स्थान या देवभूमि, विशेष वस्तु, घर के मुख्य द्वार या दीवारों पर बनाते हैं. इसे बनाने के लिए हल्दी, कुमकुम, सिंदूर और घी सहित कई सारी चीजों का उपयोग किया जाता है. आप चंदन से स्वास्तिक बना सकते हैं. स्वास्तिक बनाने के लिए ये सभी चीजें शुभ फल देने वाली मानी गई हैं. दीवारों में ज्यादातर स्वास्तिक हल्दी से सिंदूर से बनाए जाते हैं.

डिस्क्लेमर

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता. इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं.

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