Krishna Rukmini Marriage: भगवान श्रीकृष्ण ने और इस राजकुमारी ने भागकर की थी शादी, जानें कृष्ण विवाह का यह रोचक प्रसंग
Krishna Rukmini Marriage: भगवान श्रीकृष्ण की 1008 रानियां थीं. मगर उनकी पटरानी बनी ऐसी राजकुमारी जिसका उन्होंने अपहरण किया था. विस्तार से पढ़ें कृष्ण विवाह की यह कथा.
Krishna Rukmini Marriage: कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी तो दुनिया जानती है. ग्वालों और गोपियों के बीच कैसे राधा कृष्ण एक दूजे के साथ रासलीला करते, बांसुरी की धुन पर झूमते. राधा भक्ति हैं और कृष्णा भगवान. श्रीकृष्ण इतने अच्छे प्रेमी और ईश्वर हैं. उनकी प्रेमिका राधा का नाम तो हमेशा कान्हा के साथ लिया जाता है लेकिन उनकी पटरानी से उनका विवाह कैसे हुआ यह बहुत कम लोग जानते हैं. वह कैसे एक राजकुमारी को उसकी भाई की मर्जी के बिना भगा लाए और उसको अपनी पत्नी बना दिया यह भी रोचक प्रसंग है. ये प्रेम विवाह की कहानी है कृष्ण और रुक्मिणी की.. रुक्मिणी श्रीकृष्ण की पत्नी और माँ लक्ष्मी का रूप है. यूं तो भगवान श्रीकृष्ण सोलह हजार एक सौ आठ रानियां थी लेकिन रुक्मिणी उनकी पटरानियों में सर्वप्रथम हैं.
देवी रुक्मिणी और भगवान श्रीकृष्ण का विवाह
विदर्भ के राजा भीष्मक के पुत्र का नाम रुकमी और पुत्री का नाम रुक्मिणी था. राजा भीष्मक अपनी पुत्री से बहुत प्रेम करते थे और उनके विवाह के लिए योग्य वर की तलाश में थे मगर रुक्मिणी के मन में शुरू से ही भगवान श्रीकृष्ण बसे हुए थे. श्रीकृष्ण की कहानी रुक्मिणी कई लोगों के मुंह से सुन चुकी थीं. उनकी वीरता कि कहानियों से देवी के प्रेम में उत्पन्न कर दिया था. देवी रुक्मिणी ने तय कर लिया था की वह श्रीकृष्ण से ही विवाह करेंगी. लेकिन शिशुपाल अपनी बहन रुक्मिणी का विवाह अपने प्रिय मित्र जरासंध से ही करवाना चाहता था. कुछ समय बीतने पर रुक्मिणी के भाई रुक्मी ने छेदी नरेश शिशुपाल के साथ रुक्मिणी का विवाह तय कर दिया. तब रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को पत्र लिखा और एक दूत के हाथों भेज दिया, उन्होंने लिखा कि श्रीकृष्ण उन्हें बचाने के लिए तुरंत विदर्भ राज्य आएं. उनका भाई उनका विवाह करवाना चाहता है.
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पत्र पाकर श्रीकृष्ण जब विदर्भ देश पहुंचे तो वहां देवी रुक्मिणी के स्वयंवर की तैयारी चल रही थी, इसी बीच देवी रुक्मिणी मंदिर गयीं और वहां श्रीकृष्ण ने उनका अपहरण कर लिया. भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी के भाई रुक्मी के बीच भयानक युद्ध हुआ और राजकुमार रुक्मी को हराकर भगवान कृष्ण रुक्मिणी को साथ ले आए. उसके बाद उन्होंने विवाह किया और द्वारिका नगरी रहने लगे.
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