गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजन के साथ कुछ उपाय किया जाए तो व्यक्ति के भाग्य बदल जाते हैं. आइए जानते हैं वो उपाय
Guruwar Ke Din Kya Kare: सनातन धर्म में दिनों का बेहद महत्व है. हर दिन किसी न किसी देवता से संबंधित है. ऐसे में सातों दिनों के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं. ऐसे में आज हम बात करेंगे गुरुवार की. गुरुवार का दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. इसके साथ ही यह दिन देवगुरु बृहस्पति से भी संबंधित है.
जिस तरह ज्योतिषशास्त्र में सातों दिनों के लिए पूजा के नियम और खास उपाय बताए गए हैं, ठीक वैसे ही गुरुवार के लिए भी कुछ खास उपाय बताए गए हैं. इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से श्री हरि के पूजन का विधान है. कहा जाता है ऐसा करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
ज्योतिष शास्त्र में गुरुवार के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिसे करने से जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही जातक के घर में अपार धन-संपत्ति की बरसात होने लगती है. आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में.
अगर आपको जीवन में सुख-समृद्धि चाहिए तो गुरुवार के दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. पूजा में केले, चना दाल और गुड़ का भोग लगाएं. फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. कहते हैं इससे घर में सुख- समृद्धि का वास होता है.
अगर आपको कारोबार में सफलता चाहिए तो गुरुवार के दिन सुबह स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण करें. हल्दी का तिलक लगाएं. ऐसा कहा जाता है कि इन उपायों को करने से व्यक्ति को कारोबार में जबरदस्त मुनाफा होने लगता है.
नौकरी में तरक्की के लिए गुरुवार को श्री हरि को पीले रंग के फल और फूल चढ़ाकर पूजा करें. फिर पीले रंग के कपड़े में नारियल, पीले फल, हल्दी और नमक रखकर बांध दें . इस पोटली को चुपचाप किसी मंदिर में रख दें. कहते हैं इससे नौकरी में जल्द प्रमोशन मिल सकता है.
हर गुरुवार को स्नान के बाद पीले रंग का वस्त्र पहनें. फिर विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. इसके बाद किसी मंदिर में जाकर मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करें. अर्पित सिंदूर को ग्रीवा पर लगाएं. कहते हैं इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है या गुरु दोष है तो इसके लिए गुरुवार को नहाने के पानी में चुटकीभर हल्दी मिला लें. फिर ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें.
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