नीना जैन/सहारनपुर: शारदीय नवरात्रि शुरू होने ही वाले हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है. सहारनपुर में भारत की 51 सिद्धपीठों में शामिल मां शाकंभरी देवी सिद्ध पीठ है. यहां पर नवरात्रि के दिनों में शोभा देखते ही बनती है. शिवालिक पहाड़ियों की श्रृखला की तलहटी में स्थित मां शाकंभरी देवी का मंदिर नवरात्रि के दिनों में मां के जयकारों से गूंजता दिखाई देता है. यहां नैसर्गिक सौंदर्य के मध्य मां शाकंभरी देवी मां भीमा मां भ्रामरी और मां शताक्षी के साथ विराजमान हैं. यहां पर केवल सहारनपुर के ही नहीं उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब दिल्ली उत्तराखंड राजस्थान मध्य प्रदेश के अलावा दूर-दूर से देश भर से श्रद्धालु यहां आते हैं.


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मां शाकंभरी देवी सिद्ध 
मां शाकंभरी देवी सिद्ध पीठ की एक अपनी अलग कथा है. ऐसा कहा जाता है कि दुर्गम नाम का रक्षा जिसने तपस्या कर ब्रह्मा जी से चारों वेद ले लिए और वचनबद्ध होने के कारण ब्रह्मा जी को यह चारों वेद देने पड़े. जिस धरती पर अकाल की स्थिति हो गई पूजा पाठ हवन बंद हो गए. लोक त्राहि-त्राहि करने लगे  और पानी और अन्न का अभाव हो गया.  तब माता अपने भक्तों की इस पीड़ा को देखकर द्रवित हो गई और उनके पूरे शरीर पर नेत्र उभर आए. इन सभी नेत्रों से जल बहने लगा. इस मन को मन शताक्षी का नाम दिया गया. लेकिन केवल जल से भूख क्षुधा शांत नहीं होती.


पिंडी के रूप में प्रकट हुईं मां, किया राक्षस का वध
भक्तों की पीड़ा को देखकर मां शाकंभरी देवी ने यहां पर पिंडी के रूप में प्रकट हुई और वरदान दिया कि जितनी भी शाक है यानि की फल सब्जियां यहां पर उसका यहां कभी अभाव नहीं होगा. मां के किसी आशीर्वाद के चलते धरती पर हरियाली हो गई. फल,सब्जियां होने लगीं और इसके बाद माता ने भीमा और भ्रामरी का रूप लिया और राक्षस दुर्गम का वध किया और धरती वासियों को राक्षस के आतंक से मुक्ति दिलाई.


नवरात्रि में आते हैं लाखों श्रद्धालु
नवरात्र के दिनों में यहां पर देश भर से श्रद्धालु लाखों की संख्या में आते हैं और माता की जय जयकार करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि माता के चमत्कार उन्होंने कई बार अपनी आंखों से देखे हैं और स्वयं महसूस भी किए हैं. चुनाव के दौरान नेता भी यहां पर आकर माता के सामने शीश झुकाते हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका और राहुल गांधी भी यहां पर माता के आशीर्वाद के लिए आ चुके हैं.  यहां पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता माता के चरणों की वंदना करने के लिए आशीर्वाद लेने के लिए आते रहते हैं.


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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता हइसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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