UP: नवाब रजा अली खां की संपत्ति के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से रिव्यू पिटीशन खारिज
29 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नवाब रजा अली खां के सभी वारिसान को संपत्ति में हिस्सेदार घोषित किया था.
रामपुर: रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां की संपत्ति के बंटवारे को लेकर रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे अरबों रुपये की जायदाद पर काबिज निगहत आबिदी और मुराद अली खां को झटका लगा है.
नवाब रजा अली खां की संपत्ति खासबाग पैलेस, नवाब स्टेशन, कोठी शाहबाद, सरकारी कुंडा और बेनजीर की संपत्ति को लेकर नवाब खानदान के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली आ रही है. 1972 में जिला कोर्ट के बाद हाईकोर्ट और फिर 2002 से देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन था. जिसके बाद 29 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नवाब रजा अली खां के सभी वारिसान को संपत्ति में हिस्सेदार घोषित किया था.
इस फैसले से पूर्व सांसद बेगम नूरबानो और पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को लाभ मिला था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला न्यायाधीश द्वारा बंटवारा प्रकिया इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण की जाएगी. इस बीच अरबों रुपये की जायदाद पर काबिज निगहत आबिदी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर कर दी गई और पुनर्विचार की मांग की गई थी.
14 जनवरी को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है. इस आदेश को शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया
पैलेस की हालत ऐसी कि रात नहीं गुजार सके वंशज
देश के पहले एयरकंडीशन पैलेस खासबाग की बदहाली का आलम यह है कि अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के वंशज निगहत आबिदी और मुराद अली यहां रात भी नहीं गुजार सके. दो दिन पहले दोनों यहां आए थे, लेकिन उन्हें मुरादाबाद में रुकना पड़ा. हालांकि, अभी तक यह भव्य कोठी निगहत आबिदी और मुराद अली के ही कब्जे में है. उनके द्वारा इसके रखरखाव पर ध्यान न दिये जाने की वजह से ही खासबाग पैलेस की यह शर्मनाक स्थिति हो चुकी है.