कौन हैं एनआरआई राजीव शर्मा? पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की सराहना, 20 विदेशी बच्चों को दी नई जिंदगी
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कौन हैं एनआरआई राजीव शर्मा? पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की सराहना, 20 विदेशी बच्चों को दी नई जिंदगी

Saharanpur Latest News: भारत के पीएम नरेंद मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में एनआरआई राजीव शर्मा के प्रयासों की सराहना की. जिसके बाद हर जगह उसके कार्यो की चर्चा शुरू हो गई. आइए जानते हैं कौन हैं एनआरआई राजीव शर्मा?

 

PM Narendra Modi
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Saharanpur Hindi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 121वें संस्करण में इथियोपिया में रह रहे भारतीय प्रवासियों के प्रयासों की सराहना की. पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारतीय समुदाय वहां जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क चिकित्सीय सहायता प्रदान कर रहा है.

कौन हैं राजीव शर्मा?
राजीव शर्मा सहारनपुर के रहने वाले हैं. जो वर्तमान में इथियोपिया की राजधानी अडिस अबाबा के रोटरी क्लब के अध्यक्ष हैं, इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं. जो इथियोपिया में व्यवसाय करते हैं, उन्होंने  बताया कि पहले भी भारत से विशेषज्ञ डॉक्टरों और सर्जनों को मेडिकल मिशन के तहत इथियोपिया बुलाया गया था. यह नई पहल उसी का विस्तार है, जिसमें अब गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भारत भेजा जाता है और उनके सभी खर्च भारतीय प्रवासी समुदाय उठाते हैं.

20 इथियोपियाई बच्चों का मिली नई जिंदगी
राजीव शर्मा ने बताया कि अब तक 20 इथियोपियाई बच्चों का भारत में सफलतापूर्वक ऑपरेशन हो चुका है. हमारा लक्ष्य 2022 में शुरू हुई इस पहल के तहत 100 बच्चों तक पहुंचने का है. उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का विचार तब आया जब 2022 में रोटरी इंटरनेशनल के तत्कालीन अध्यक्ष शेखर मेहता ने इथियोपिया का दौरा किया था और उसी वर्ष चार बच्चों का पहला समूह इलाज के लिए भारत भेजा गया था.

चार से पांच लाख रुपये तक आता खर्च
कार्यक्रम के संचालन के बारे में बताते हुए शर्मा ने कहा कि एक मरीज के इलाज और उनके साथ आने वाले अभिभावकों के भारत में ठहरने का कुल खर्च लगभग 4 से 5 लाख रुपये आता है, जिसे भारतीय समुदाय मिलकर वहन करता है. 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यदि किसी बच्चे के परिवार के पास भारत आने के साधन नहीं हैं तो हमारे भारतीय भाई-बहन उसका प्रबंध कर रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा कि उद्देश्य यह है कि इथियोपिया के हर गंभीर रूप से बीमार बच्चे को बेहतर इलाज मिल सके. 

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