अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा राज की एक ही बड़ी उपलब्धि है कि देश की कुल सम्पत्ति चंद घरानों की बंधक बनकर रह गई है.
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी 'नागरिकता सत्याग्रह' करेगी. अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में किसानों, नौजवानों और गरीबों के साथ एक भी वादा नहीं निभाया है. पूरे समय वे झूठ और भ्रम के सहारे अपनी राजनीति चलाती रही है और आज भी वही हालात हैं.
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता तो लोकलुभावन बातें करने के मास्टर हैं. उनका ताजा बयान है कि युवा अराजकता को नापसंद करते हैं. हकीकत ये है कि भाजपा सरकार ही अराजकता को आमंत्रित करती है. अव्यवस्था फैलाना उसका एजेंडा है. देश भर में नोटबंदी, जीएसटी के बाद एनआरसी, सीएए, एनपीआर जैसे कदमों से देश में अव्यवस्था हिंसा और अराजकता ही बढ़ी है. इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है और इसके विरोध में समाजवादी पार्टी 'नागरिकता सत्याग्रह' करेगी.
’नागरिकता-सत्याग्रह’ करेंगे
एनपीआर का फ़ॉर्म नहीं भरेंगे pic.twitter.com/u864loFJRc— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 30, 2019
अखिलेश यादव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में 1895 ई0 में इमीग्रेशन लॉ संशोधन बिल में भी तमाम प्रतिबंध थे, जिसे ‘खूनी कानून‘ बताते हुए गांधीजी ने इसके खिलाफ सत्याग्रह 'पैसिव रेजिस्टेंस' का अभियान छेड़ दिया था. गांधीजी ने 11 सितम्बर 1906 को दक्षिण अफ्रीका के शहर नटाल के नाट्य सभागार में आयोजित एक सभा में कहा था 'मर जाना किन्तु कानून के सामने सिर न झुकाना'.
अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा राज की एक ही बड़ी उपलब्धि है कि देश की कुल सम्पत्ति चंद घरानों की बंधक बनकर रह गई है. वल्र्ड इनइक्वैलिटी डेटा बेस के अनुसार देश के 90 प्रतिशत भारतीय महीनें में 12 हजार से भी कम बामुश्किल कमा पाते हैं. देश के नागरिकों की यह दुर्दशा आर्थिक असमानता के कारण पैदा हुई है. आम लोग इसके शिकार हैं. लोगों की जिंदगी तबाह है. जहां कुछ अकूत सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं तो वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें न छत नसीब है और नहीं दो वक्त की सूखी रोटी. वे भयानक गरीबी में जीने को मजबूर हैं.
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में नौजवान सबसे ज्यादा धोखे के शिकार हुए हैं. उनसे वादा किया गया था कि हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियां मिलेंगी. रोजगार के अवसर तो सृजित हुए नहीं उल्टे नोटबंदी-जीएसटी के चलते तमाम उद्योग धंधे बंद हो गए. कर्मचारियों की छंटनी हो गई और बेरोजगारों की बाढ़ आ गई.
अर्थव्यवस्था मंदी की शिकार हो गई है. बैंकों में गरीबों का जमा धन लूटकर सैकड़ों बड़े व्यापारी विदेश चले गए, स्थिति आज ये है कि समाज का हर वर्ग परेशान है. भाजपा सरकार जनहित की एक भी योजना लागू नहीं कर सकी है. समाजवादी सरकार ने विकास को जो दिशा दी थी, उसमें भाजपा ने अवरोध पैदा करने का काम किया है. भाजपा को लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए.