AMU में आरक्षण नहीं तो HRD मंत्रालय किस आधार पर दे रहा है अनुदान? - SC आयोग
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AMU में आरक्षण नहीं तो HRD मंत्रालय किस आधार पर दे रहा है अनुदान? - SC आयोग

आरक्षण विवाद को लेकर SC आयोग से HRD मिनिस्ट्री से अनुदान को लेकर जवाब मांगा है.

(प्रतीकात्मक फोटो)

विशाल पांडे, नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आरक्षण विवाद के बीच एससी आयोग ने HRD मंत्रालय से अनुदान को लेकर जानकारी मांगी है. आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पूछा कि किस आधार पर AMU को अनुदान दिया जा रहा है. अगर, यूनिवर्सिटी में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है तो अनुदान क्यों मिल रहा है? आयोग ने यह भी पूछा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में SC-ST-OBC छात्रों को आरक्षण क्यों नहीं मिल रहा है?

एससी आयोग ने HRD मंत्रालय से कहा कि अगर AMU में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है तो अब तक मंत्रालय की तरफ से आरक्षण लगाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. एससी आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 20 जुलाई तक का वक्त दिया है. जवाब मिलने के बाद अगस्त के आखिरी हफ्ते में
SC आयोग  की बैठक होगी जिसके बाद AMU में आरक्षण देने को लेकर आयोग अपना फैसला सुनाएगा.

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पिछले दिनों SC-ST-OBC छात्रों को आरक्षण नहीं मिलने को लेकर उत्तर प्रदेश एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस भेजा था. आयोग ने पूछा था कि AMU में एससी और एसटी को आरक्षण क्यों नहीं मिल रहा है? नोटिस में कहा गया था कि AMU को अभी तक माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी (अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय) का दर्जा नहीं मिला है. यह एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी होने की वजह से यहां भी आरक्षण का प्रावधान लागू होता है. इसलिए, AMU में भी एससी और एसटी को आरक्षण मिलना चाहिए. बृजलाल ने कहा है कि एएमयू अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहा है. नोटिस का जवाब देने के लिए AMU प्रशासन को 8 अगस्त तक का वक्त दिया गया है.

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एससी आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया ने Zee News से बातचीत में कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में आयोग AMU में आरक्षण को लेकर फैसला देगा. अभी सभी स्टेक होल्डर से जवाब मांगे गए हैं. HRD मंत्रालय से पूछा गया है कि AMU को ग्रांट देने का कारण बताएं ? अल्पसंख्यक आयोग का जवाब आ गया है. 3 अगस्त तक AMU का भी जवाब आ जाएगा और तब हम फैसला लेंगे.

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बीते दिनों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया ने AMU में आरक्षण का मुद्दा उठाया था. इसी सिलसिले में बात करने के लिए वो AMU पहुंचे थे. मीडिया से बात करते हुए रामशंकर कठेरिया ने कहा था कि जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं, बावजूद इसके इन दोनों में छात्रों को आरक्षण का लाभ न दिए जाने से छात्रों में आक्रोश है. उन्होंने कहा था कि पूरे मामले पर सरकार और आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है.

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