ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने श्रमिकों से कार्य न करवा कर तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से करवा कर मानव रोजगार देने में अनियमितता बरती.
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लखनऊ: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा के कार्यों में अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राम विकास अधिकारी एवं सेक्रेटरी को निलंबित कर दिया गया है. जबकि ग्राम प्रधान समेत चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. साथ ही सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है.
मामला उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले का है. जहां, जांच में सामने आया कि मनकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत इटरौर (शुक्लपुरवा) में विजय शुक्ला के घर के पास तालाब खुदाई का कार्य कराए जाने की 2.608 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी. लेकिन ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने श्रमिकों से कार्य न करवा कर तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से करवा कर मानव रोजगार देने में अनियमितता बरती.
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मनरेगा कार्यों की बारीकी से समीक्षा की. जिसके बाद, तालाब की खुदाई का कार्य जेसीबी से कराए जाने के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान गोमती, ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद, सेक्रेटरी अमिता यादव और जेसीबी के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. यही नहीं इस प्रकरण में ग्राम विकास अधिकारी एवं सचिव अमिता यादव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है.
इसी प्रकरण में ग्राम प्रधान गोमती के खिलाफ मनरेगा के तहत नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही ग्राम प्रधान गोमती, सेक्रेटरी अमिता यादव एवं ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद के खिलाफ 1000-1000 रुपए जुर्माना लगा रिकवरी के आदेश दिए गए हैं. वहीं, ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद की संविदा भी समाप्त कर दी गई है.