सपा परिवार और सरकार में अंतर्कलह तेज, शिवपाल ने कहा- मुझे बताया जा रहा विलेन, मुलायम ने दिया दखल
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सपा परिवार और सरकार में अंतर्कलह तेज, शिवपाल ने कहा- मुझे बताया जा रहा विलेन, मुलायम ने दिया दखल

समाजवादी पार्टी परिवार और सरकार का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से नई दिल्ली में कहा कि उनके (मुलायम सिंह यादव के) आदेशों का पालन करने के बाद भी उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया जा रहा है। अपने भाई एवं पुत्र के बीच तकरार को लेकर उलझन में फंसे सपा मुखिया मुलायम सिंह ने शिवपाल से मिलकर संकट को दूर करने के प्रयास किये।

सपा परिवार और सरकार में अंतर्कलह तेज, शिवपाल ने कहा- मुझे बताया जा रहा विलेन, मुलायम ने दिया दखल

नई दिल्ली/लखनऊ : समाजवादी पार्टी परिवार और सरकार का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से नई दिल्ली में कहा कि उनके (मुलायम सिंह यादव के) आदेशों का पालन करने के बाद भी उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया जा रहा है। अपने भाई एवं पुत्र के बीच तकरार को लेकर उलझन में फंसे सपा मुखिया मुलायम सिंह ने शिवपाल से मिलकर संकट को दूर करने के प्रयास किये।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पारिवारिक तकरार के कारण छाये संकट के बादल छंटने के कोई आसार नहीं दिखायी दे रहे क्योंकि दोनों में से किसी ने भी अपने रूख से झुकने का संकेत नहीं दिया है। अखिलेश ने शिवपाल से उनके महत्वपूर्ण विभाग लेकर इस तकरार को और पेचीदा बना दिया है। इस संकट के समाप्त होने का कोई संकेत नहीं होने के बीच पार्टी सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस बात के लिए मनाया जा सकता है कि वह महत्वपूर्ण विभागों को लौटाकर इस मुद्दे पर अपने रूख को नरम करेंगे।

बताया जाता है कि मुलायम ने जो शांति फार्मूला निकाला है कि उसमें शिवपाल से यह उम्मीद की जाएगी कि वह पार्टी का प्रदेश प्रमुख बनाये जाने के बाद पार्टी मामलों पर अधिक ध्यान देंगे। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश को कल उनके पिता ने सपा प्रदेश प्रमुख पद से हटा दिया था जिससे यह संकट और गहरा गया। इस बीच, सपा संसदीय बोर्ड की बैठक अगले दो दिनों में बुलायी जा सकती है जिसमें चुनाव से पहले पार्टी और सरकार की छवि को हुए नुकसान आदि मुद्दों के समाधान पर चर्चा होगी।

शिवपाल पार्टी प्रमुख मुलायम के छोटे भाई हैं। उन्होंने आज दिल्ली में मुलायम से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। दोनों की बैठक चार घंटे से भी ज्यादा देर तक चली और इसमें शिवपाल ने मुलायम से कहा कि पिछले साढ़े चार साल में विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद उन्होंने पार्टी प्रमुख के निर्देशों का पालन किया। शिवपाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने उदाहरण दिया कि अखिलेश यादव सरकार में वरिष्ठ मंत्री के रूप में उन्होंने अखिलेश या मुलायम द्वारा लिए गए निर्णयों का कभी सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं किया हालांकि उन्होंने उनसे निजी मुलाकात में मतभेदों का जिक्र किया।

शिवपाल ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में इन अटकलों को खारिज कर दिया कि पार्टी के अंदर और यादव परिवार में कोई मतभेद है। उन्होंने कहा, ‘न तो मैं और न ही नेताजी (मुलायम) नाराज हैं। हम सब खुश हैं। कोई मतभेद नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कैबिनेट विभागों का फैसला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। लेकिन नेताजी ने मुझे पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। मेरी जिम्मेदारी अगले चुनाव में सपा को सत्ता में वापस लाना है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी करूंगा। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं अब भी कैबिनेट में शामिल हूं।’ 

शिवपाल ने कहा कि अमर सिंह को सपा में फिर से शामिल किए जाने से लेकर महागठबंधन के साथ प्रयोग तक उन्होंने हमेशा मुलायम के निर्देशों का पालन किया है। फिर भी उन्हें विलेन बताया जा रहा है। इससे पहले सैफई में इस्तीफे संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा था, ‘पोर्टफोलियो देना या लेना, अधिकारियों को हटाना और अपने सलाहकारों को रखना मुख्यमंत्री का अधिकार है। मैं नेताजी के निर्देश का पालन करूंगा और उनके द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करूंगा।’ 

यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, शिवपाल ने कहा, ‘मैं नेताजी से बात करूंगा। राज्य के लोगों को नेताजी और समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है। मैं लखनऊ जाऊंगा और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करूंगा। हम मिलकर चुनाव लडेंगे।’ शिवपाल के इस्तीफे देने की अटकलों के बीच उनके हजारों समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सैफई में उनके आवास और पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह के बाहर एकत्र हुए थे।

राज्य में अभूतपूर्व संकट पैदा हो जाने के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हालात पर नजर रखने के लिए लखनऊ में सुबह से कालिदास मार्ग स्थित आधिकारिक आवास पर हैं और वह अपने दो आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए। अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार का झगड़ा है, परिवार का नहीं। परिवार में सब नेताजी की बात मानते हैं। मैंने भी नेता जी की बात मानी। नेताजी की बात भला कौन नहीं मानेगा।’ 

बताया जाता है कि अमर सिंह ने दिल्ली में रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसमें दीपक सिंघल भी शामिल हुए थे। खुद अखिलेश इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे और वह इस बात से संभवत: सिंघल से नाराज थे। हालांकि इस रात्रिभोज में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल हुए थे।

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