प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव नहीं लड़ेगी.
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लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि उपचुनाव लड़ने के बजाय हम 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. हम इसी के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देंगे. हालांकि, पार्टी पूरे राज्य में कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज में होने वाले छात्रसंघ चुनाव लड़ेगी.
पीएसपीएल युवाओं के बीच अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है. इसलिए समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है. शिवपाल पार्टी का संगठनात्कम ढांचा खड़ा करने के लिए कई जिलों का दौरा कर रहे हैं. 8 अगस्त को उन्होंने लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. उन्होंने यह प्रदर्शन सपा के इसी मुद्दे पर किए जाने वाले प्रदर्शन से एक दिन पहले किया था.
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसमें टुंडला, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर (कानपुर), मानिकपुर, बलहा, गंगोह, इगलास, प्रतापगढ़, जलालपुर, रामपुर, हमीरपुर शामिल है. पांच सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं. ये सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं. ज़्यादातर पर बीजेपी का कब्जा था. बहुजन समाज पार्टी पहली बार उपचुनाव लड़ने जा रही है. बसपा सुप्रीमो ने बहुत पहले स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी. उधर, सपा भी उपचुनाव के लिए मैदान में उतरने को तैयार है.
बीजेपी ने शुरू की उपचुनाव की तैयारियां
बीजेपी इन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर भी गंभीर दिख रही है. पार्टी ने उपचुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी की कोशिश है कि इन सभी सीटों पर उसके ही प्रत्याशी जीतें. स्थानीय मंत्रियों और करीब की लोकसभा सीटों से जीते सांसदों की जिम्मेदारी दी गई है. ये सीटें ही सांसदों का कद और भविष्य में पद भी तय करेंगी. इस तरह से उपचुनाव ही उनकी अग्निपरीक्षा साबित होंगे.
(इनपुट IANS से)