UP: यहां मात्र 10 रुपये में मिलता है खाना, हर भूखे की मिटती है भूख
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UP: यहां मात्र 10 रुपये में मिलता है खाना, हर भूखे की मिटती है भूख

लखीमपुर खीरी के समाजसेवी रमेश अग्रवाल गरीबों को 10 रुपये में दाल, चावल, सब्जी, रोटी मुहैय्या कर लोगों की सेवा कर रहे हैं.

रोजाना करीब सवा सौ लोग खाना खाकर अपनी भूख मिटाते हैं.

लखीमपुर खीरी, (दिलीप मिश्र): कहते हैं किसी भूखे को भर पेट खाना मिल जाये तो इससे बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं हो सकता. कुछ ऐसी सोच रखने वाले समाज मे लाखों लोग हैं. ऐसी ही नेक सोच के साथ लखीमपुर खीरी के रमेश अग्रवाल लोगों की भूख मिटाने के लिए समाजसेवा कर रहे हैं. गरीबों को सस्ती दर पर खाना उपलब्ध कराने की इसी मंशा से एक समाजसेवी गरीबों को मात्र 10 रुपये में भर पेट खाना खिलाता है. 

लखीमपुर खीरी के समाजसेवी रमेश अग्रवाल अपने और दानदाताओं के सहयोग से शहर में एक कैंटीन पर गरीबों को 10 रुपये में दाल, चावल, सब्जी, रोटी मुहैय्या कर लोगों की सेवा कर रहे हैं. पेशे से व्यवसाई रमेश अग्रवाल ने गरीबों के लिए एक कैंटीन खोली है, जिसे जन सेवाएं रसोई नाम दिया गया है. 

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दस रुपये में भरपेट खाना परोशने वाली इस कैंटीन में सैकड़ो लोग खाना खाने आते हैं. इस कैंटीन में न सिर्फ ताजा खाना मिलता है, बल्कि खाने में भर पेट खाने के साथ ये सुविधा है भी है कि अगर किसी गरीब व्यक्ति के पास 10 रुपये भी नहीं हैं, तो वो कूपन लेकर जन सेवाएं रसोई से फ्री में खाना खा सकता है. 

जनसेवा के लिए कैंटीन चलाने वाले रमेश अग्रवाल का कहना है कि उन्हें ये काम करके बहुत सुकून मिलता है. उन्होंने बताया कि कोई भूखा खाना खाता है, तो हमें वो हमें दुआएं देता है. उन्होंने कहा कि हालांकि मात्र दस रुपये में खाना खिलाना थोड़ा मुश्किल है, फिर भी अपने संसाधन से उसे पूरा करते हैं. 

उन्होंने बताया कि रोजाना करीब सवा सौ लोग खाना खाकर अपनी भूख की आग को बुझाते हैं. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि इतना सस्ता और स्वादिष्ट खाना कहीं नहीं मिल सकता. लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह की सुविधाएं गरीबों के लिए करनी चाहिए. ताकि गरीब मेहनत करके सस्ती दर पर खाना खा कर अपना पेट भर सके. 

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