नकली दस्तावेजों के दम पर कर रहा था नौकरी, ऐसे शिकंजे में आया फर्जी टीचर
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नकली दस्तावेजों के दम पर कर रहा था नौकरी, ऐसे शिकंजे में आया फर्जी टीचर

जिन डॉक्यूमेंट्स पर वह नौकरी रहा था, वो सूरज कुमार उपाध्याय के नाम से थे.

नकली दस्तावेजों के दम पर कर रहा था नौकरी, ऐसे शिकंजे में आया फर्जी टीचर

विशाल सिंह रघुवंशी/लखनऊ: चर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद एक और फर्जी टीचर पुलिस के शिकंजे में आया है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सुभाष पांडेय नाम के फर्जी टीचर को यूपी एसटीएफ (Special Task Force) ने गिरफ्तार किया है. बाराबंकी का यह व्यक्ति दूसरे की डिग्री पर नौकरी कर रहा था. 

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डॉक्यूमेंट में था दूसरा नाम 
अध्यापक सुभाष पांडेय पिछले कई सालों से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा था. जिन डॉक्यूमेंट्स पर वह नौकरी रहा था, वो सूरज कुमार उपाध्याय के नाम से थे. ऐसे में यूपी एसटीएफ ने बाराबंकी के बीएसए कार्यलय से सुभाष पांडेय को धर-दबोचा. गौरतलब है कि अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद से लगातार प्रदेश में शिक्षकों के कागजातों की जांच की जा रही है.  

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मानव संपदा पोर्टल से हो रहा है खुलासा 
परिषदीय शिक्षकों का ब्योरा भरने के लिए अनिवार्य किए गए मानव संपदा पोर्टल के जरिये एक-एक कर फर्जी शिक्षकों के राज खुलने शुरू हो गए हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के तहत बने मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का ब्योरा दर्ज हो चुका है. इस ब्योरे से फर्जी टीचर्स के ब्योरे का मिलान किया जा रहा है,  जिसके बाद जांच में इसी तरह के कई फर्जी टीचर के मामले सामने आ रहे हैं. 

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क्या है अनामिका शुक्ला प्ररकरण 
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला पढ़ाती थी. लेकिन ख़ास बात है कि वह एक साथ 25 जिलों में नौकरी कर रही थी. बागपत में अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था. इसके बाद से सरकार ने सभी माध्यमिक शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स को वेरीफाई करने का आदेश दिया था. इसके बाद से पूरे प्रकरण एसटीएफ को सौंप दिया गया था. 

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