प्रयागराज: छात्रसंघ की बहाली के लिए छात्र ने खून से लिखा कुलपति को पत्र
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प्रयागराज: छात्रसंघ की बहाली के लिए छात्र ने खून से लिखा कुलपति को पत्र

इलाहाबाद विश्विद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक दुबे और डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार की ओर से छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव को 25 व 27 सितम्बर को पत्र लिखकर आमरण अनशन समाप्त करने के लिए फिर अपील की गई थी.

अनशनकारी छात्र किसी भी दशा में छात्रसंघ बहाली से पहले अनशन समाप्त करने को तैयार नहीं हैं.

प्रयागराज: छात्रसंघ बहाली के लिए इलाहाबाद विश्विद्यालय के छात्रों का आमरण अनशन शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा. हालांकि अनशन पर बैठे चार छात्रों की सेहत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. वहीं, आमरण अनशन समाप्त करने की अपील के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर छात्रों से अनशन समाप्त करने के लिए कहा. लेकिन, अनशनकारी छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. 

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छात्रों का कहना है कि छात्रसंघ बहाली से पहले कुछ भी मंजूर नहीं. गौरतलब है कि छात्रसंघ बहाली के लिए नौ छात्र नेताओं ने आमरण अनशन शुरू किया था. अनशन के बाद कुछ छात्र नेताओं की तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रिलीव कर दिया गया. छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव, उपाध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव समेत अनशन पर बैठे अन्य छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी है. जिससे इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में तनाव लगातार बढ़ रहा है. 

इसी के साथ अनशन पर बैठे छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश ने शनिवार को अपने ख़ून से कुलपति को पत्र लिखकर छात्रसंघ की बहाली की मांग की. उन्होंने ख़ून से लिखे पत्र में लिखा है कि आज़ मैं अपने रक्त से पत्र लिखने पर मज़बूर हूं. विश्विद्यालय प्रशासन की तरफ से मेरे पास 25 व  27 सितंबर को दो बार पत्र आ चुका है. जिसमें मेरे स्वास्थ्य की चिंता की गई है. अगर यह चिंता दिल से है, तो इसका एक रास्ता है, छात्रसंघ की बहाली. अगर आप ऐसा नहीं करतें हैं, तो हम समझ सकतें हैं कि यह आप का सिर्फ़ दिखावा पन है. छात्रसंघ की बहाली के सिवा कुछ भी मंजूर नहीं. 

गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्विद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक दुबे और डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार की ओर से छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव को 25 व 27 सितम्बर को पत्र लिखकर आमरण अनशन समाप्त करने के लिए फिर अपील की गई थी. लेकिन अनशनकारी छात्र किसी भी दशा में छात्रसंघ बहाली से पहले अनशन समाप्त करने को तैयार नहीं हैं.

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