सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें उनकी विधायकी रद्द करने का आदेश दिया गया था.
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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. आपको बता दें कि अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें झटका देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रोकने से इनकार कर दिया.
अब्दुल्ला आजम मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित स्वार से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. हाईकोर्ट ने स्वार विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला के चयन को रद्द कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब अब्दुल्ला ने नामांकन पत्र दाखिल किया था तब वह 25 साल के नहीं थे.
अपनी याचिका में काजिम अली ने कहा था कि अब्दुल्ला की वास्तविक जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 की बजाय एक जनवरी 1993 है. उन्होंने इसके लिए अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और वीजा पर अंकित जन्म तिथि एक जनवरी 1993 का हवाला दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की मां के सर्विस रिकॉर्ड समेत उनकी जन्मतिथि से संबंधित समस्त दस्तावेज की जांच की थी.
हाईकोर्ट ने अपनी जांच में पाया था कि इन दस्तावेजों में भी अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज है. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को फैसले से चुनाव आयोग तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा को अवगत कराने को भी कहा था, ताकि वे आगे की कार्रवाई कर सकें. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिबंधक को आदेश दिया था कि आदेश की प्रति चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित करें.