ताजमहल की बदहाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई है.
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नई दिल्ली: ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, ताज को सरंक्षण दो या बंद कर दो या ध्वस्त कर दो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफिल टॉवर को देखने 80 मिलियन लोग आते हैं. लेकिन, आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं हैं और न ही आपको इसकी परवाह है. हमारा ताज ज्यादा खूबसूरत है. आप टूरिस्ट को लेकर गंभीर नहीं है इसकी वजह से देश का नुकसान हो रहा है. ताजमहल को लेकर घोर उदासीनता है.
कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र तथा उसके प्राधिकारियों को आड़े हाथों लिया और कहा कि मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आती है.
Supreme Court told Centre and the state government that either you preserve the Taj Mahal, or close it or destroy it. https://t.co/FJ1nIaWrzA
— ANI (@ANI) 11 July 2018
कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है. साथ ही, केंद्र को कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस महत्वपूर्ण स्मारक के संरक्षण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है. इस बारे में वह विस्तृत जानकारी पेश करें.
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जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के बारे में संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. केंद्र ने पीठ को बताया कि IIT-कानपुर ताजमहल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगा.
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केंद्र ने यह भी बताया कि ताजमहल और उसके इर्द गिर्द प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझाएगी. पीठ ने कहा कि 31 जुलाई से वह इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई करेगी.