Solar Eclipse 2019: सूर्य ग्रहण सूतक काल से लेकर राशियों पर प्रभाव तक, जानिए हर जानकारी
ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका असर जातकों पर नही पड़े, इसके लिए जातक को ग्रहण के दौरान गंगा स्नान,भजन कीर्तन के साथ पूजा पाठ करना चाहिए.
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नवीन पांडेय/वाराणसी: 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा. ऐसा सूर्य ग्रहण 296 साल के बाद लगने वाला है. इस सूर्य ग्रहण का असर ग्रह राशियों पर खास तौर पर पड़ने वाला है. ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी की मानें तो, ये ग्रहण आने वाले साल में राजनीतिक उठापटक के साथ ही लोगों की राशियों को भी प्रभावित करेगा. बताते चलें कि 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण गुरुवार को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगा.
सूतक काल
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है. इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाने के साथ ही किसी भी प्रकार का कोई पूजा पाठ नही किया जाता है. सूर्य ग्रहण जिस राशि पर लग रहा है, उस राशि पर 6 ग्रहों की युति होगी और इस तरह का संयोग 296 वर्ष पहले बना था. इस ग्रहण का प्रभाव देश को अनुकूलता नही देगा. ग्रहण धनु राशि पर लग रहा है जोकि, इस राशि पर छः ग्रहों की युति होगी. जिससे देश में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव लोगो की राशियों पर भी पड़ेगा. जिसका भौतिक, दैहिक और दैविक प्रभाव पड़ेगा.
ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए
ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका असर जातकों पर नही पड़े, इसके लिए जातक को ग्रहण के दौरान गंगा स्नान,भजन कीर्तन के साथ पूजा पाठ करना चाहिए. जिससे राशियों पर जो ग्रहण का क्रुप्रभाव पड़ता है, वो कम हो सके. ग्रहण के दौरान लोगों को भगवान का ध्यान करना चाहिए. गंगा स्नान, दान, जप, पूजापाठ करना चाहिए. वहीं, ग्रहण लगने के समय से लेकर मोक्ष काल तक किसी प्रकार का अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि ये सूर्य ग्रहण साल के अंतिम और नया वर्ष शुरू होने से पहले पड़ने वाले इस ग्रहण के कारण देश में राजनीतिक उठापटक हो सकती है. मानसिक अशांति का अनुभव होता है, जिसमे समाज में विघटनकारी विचार का उदय होता है.
राशियों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
मेष- मेष राशि के लिए यह ग्रहण नवम भाव पर लग रहा है. नवम भाव पर लगने से मान सम्मान पर ठेस पहुंचता है.
वृष- वृष राशि के लिए यह ग्रहण वृष राशि वालों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. वृष राशि वालों को नंगी आंख से यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के सीधे प्रभाव में नहीं पड़ना चाहिए. वृष राशि वालों को यह ग्रहण मृत्यु के स्थान पर लग रहा है, इसलिए बहुत ही नकारात्मक ऊर्जा देने वाला यह ग्रहण होगा.
मिथुन- मिथुन राशि वालों को सप्तम भाव में यह ग्रहण लग रहा है. सप्तम भाव होता है, कुंडली में व्यापार का, पत्नी का अथवा स्त्री को पीड़ा अथवा स्त्री से संबंधित किसी प्रकार का विरोध हो सकता है. पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर के आपकी चिंता बढ़ सकती है. आपके व्यापार में थोड़ी बहुत बाधा उत्पन्न हो सकती है.
कर्क- कर्क राशि की बात करें तो, विशेष चिंता का कोई विषय नहीं है क्योंकि, यह ग्रहण कर्क राशि वालों के लिए रोग, ऋण और शत्रु वाले भाव में लग रहा है. यह तीनों यहां ग्रहण लग जाए तो, निश्चित तौर पर यह आपके लिए अच्छा होगा. कर्क राशि वालों के लिए यह आनंद देने वाला ग्रहण होगा.
सिंह- सिंह राशि वालों की बात करें तो, सिंह का स्वामी सूर्य है और सूर्य पर ही ग्रहण लग रहा है. सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण पंचम भाव में लग रहा है. जब पंचम भाव में यह ग्रहण लगता है, तब विद्या, बुद्धि और संतान का विशेष रूप से कहा गया है. संतान पक्ष से आपकी चिंता हो सकती है और विद्या, बुद्धि जो पढ़ाई लिखाई वाले विद्यार्थी हैं, उनके लिए चिंता का विषय हो सकता है.
कन्या- कन्या राशि वाले लोगों के लिए चौथे भाव में लग रहा है. चौथा स्थान जो होता है, वह माता का स्थान होता है. वह गृह सुख का स्थान कहा गया है. वाहन का स्थान कहा गया है तो, जो कन्या राशि वाले जातक हैं इनके लिए व्यथा है क्योंकि सुख में सेंध लगने वाली है. स्वास्थ्य से संबंधित कुछ हो सकता है. माता से दूरियां बढ़ सकती हैं अथवा आपके घर में चार पहिया वाहन है, उसमें कुछ बाधा उत्पन्न हो सकती है. कुल मिलाकर कष्ट को देने वाला ये ग्रहण होगा.
तुला- तुला राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण बहुत ही अच्छा है. तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण लक्ष्मी देने वाला होगा. आपको कहीं ना कहीं से लाभ का योग बना हुआ है.
वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण क्षति का योग बना हुआ है. किसी से वैचारिक भिन्नता हो सकती है. खासतौर से अपने वाणी पर नियंत्रण रखना होगा. एक सलाह दिया जा सकता है कि दूसरा भाव वाणी का भी होता है. वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण क्षति देने वाला होगा.
धनु- धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण लग रहा है. जिस राशि पर यह ग्रहण लगता है, उस राशि के लिए अनुकूल नहीं होता है तो, निश्चित रूप से आपको ग्रहण के समय सीधे प्रभाव में नहीं पड़ना चाहिए. ग्रहण के दौरान आपको ऊँ नमः शिवाय के मंत्र का जाप करना चाहिए. धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण चोट एक्सीडेंट, ऑपरेशन योग बनाता है. शारीरिक, मानसिक और आर्थिक क्षति पहुंचाने का योग बना हुआ है. धनु राशि वाले विशेष सावधानी बरतें.
मकर- मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण भय भाव में बना हुआ है. इस ग्रहण में मकर राशि वालों के लिए खर्च की अधिकता हो सकती है यानी लॉस का योग बना हुआ है.
कुंभ- कुंभ राशि की बात करें तो, इन राशि वालों के लिए ये ग्रहण एकादश भाव में अच्छा फल देते हैं. निश्चित रूप से कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभ का संयोग बना हुआ है. ये ग्रहण लाभ को देने वाला होगा.
मीन- मीन राशि वालों के लिए भी कोई चिंता का विषय नहीं है. यह ग्रहण मीन राशि वालों के लिए सुख और आमोद-प्रमोद को देने वाला होगा. पिता को लेकर के थोड़ी चिंता बन सकती है. कुल मिलाकर के मीन राशि वालों के लिए ग्रहण लाभ का योग बना हुआ है.
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