हरिद्वार: संतों की सरकार को दो टूक- 'राम मंदिर नहीं तो BJP नहीं'
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हरिद्वार: संतों की सरकार को दो टूक- 'राम मंदिर नहीं तो BJP नहीं'

स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि वह भी कई संतों के साथ राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर अनशन पर बैठेंगे और इस संबंध में जल्द ही बड़ी संख्या में साधु संत राजधानी दिल्ली और अयोध्या के लिए कूच भी करेंगे. 

दक्षिण काली पीठाधीश्वर हैं स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी.

हरिद्वार: अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर बनाने की संतों की मांग अब देशभर में जोर पकड़ती जा रही है. हरिद्वार में वयोवृद्ध संत पदम श्री स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा आगामी 6 दिसंबर से राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर हर की पौड़ी पर अनशन शुरू किए जाने की घोषणा के बाद दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने भी जल्द राम मंदिर निर्माण न होने पर अनशन की घोषणा कर दी है. 

हरिद्वार पहुंचे स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि वह भी कई संतों के साथ राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर अनशन पर बैठेंगे और इस संबंध में जल्द ही बड़ी संख्या में साधु संत राजधानी दिल्ली और अयोध्या के लिए कूच भी करेंगे. स्वामी कैलाशानंद के अनुसार, राम मंदिर निर्माण में कोई विलम्ब नहीं होना चाहिए. अब राम मंदिर से कम कुछ भी नहीं चाहिए और अपने वादे के मुताबिक केंद्र की बीजेपी और राज्य सरकार जल्द से जल्द राम मंदिर बनाना शुरू करें. 

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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो न केंद्र में और न ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार दोबारा बनेगी. उन्होंने सवाल किया कि अयोध्या में राम मंदिर अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा सरकार को इसका जवाब जल्द से जल्द देना चाहिए.  

वहीं, राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर जूना अखाड़े के श्री महंत सतयवर्धानंद का कहना है की संत समिति की 2 दिन पहले हुई बैठक में भी कहा गया है कि राम मंदिर नहीं तो सरकार नहीं. उन्होंने कहा कि  वर्तमान में हिंदुत्व की सरकार है और सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर वचनबद्ध है. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त जनता से जो वादा किया था, वो पूरा होना चाहिए. उन्होंने सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि राम मंदिर सरकार की एजेंडे में था और अगर सरकार ने जल्द राम मंदिर निर्माण नहीं कराती है, तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना ही पड़ेगा. 

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