योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने जफर इस्लाम का राज्य सभा निर्वाचन प्रमाण पत्र प्राप्त किया. इस्लाम अस्वस्थ होने के कारण खुद नहीं पहुंच सके.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्य सभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार सैयद जफर इस्लाम निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. दूसरे बीजेपी उम्मीदवार गोविंद नारायण शुक्ला ने शुक्रवार को अपना नामांकन वापस लेकर जफर इस्लाम के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ कर दिया. सैयद जफर इस्लाम संसद में भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले सातवें मुस्लिम नेता बन गए हैं. उनका राज्य सभा कार्यकाल नंवबर 2022 तक के लिए होगा. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने जफर इस्लाम का राज्य सभा निर्वाचन प्रमाण पत्र प्राप्त किया. इस्लाम अस्वस्थ होने के कारण खुद नहीं पहुंच सके.
सैयद जफर इस्लाम भाजपा के 7वें मुस्लिम सांसद हैं
जफर से पहले मुख्तार अब्बास नकवी (लोकसभा-राज्यसभा), शहनवाज हुसैन (लोकसभा), सिकंदर बख्त (राज्यसभा), आरिफ बेग (लोकसभा), एमजे अकबर (राज्यसभा) और नजमा हेपतुल्ला (राज्यसभा) संसद में भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व कर चुके हैं. वर्तमान में मुख्तार अब्बास नकवी पार्लियामेंट में भाजपा की ओर से एक मात्र मुस्लिम चेहरा थे, अब सैयद जफर इस्लाम दूसरे मुस्लिम प्रतिनिधि होंगे.
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अमर सिंह के निधन से खाली हुई सीट पर निर्वाचित हुए
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्य सभा सांसद अमर सिंह के निधन के बाद यूपी में सीट खाली हुई थी. इसके लिए तीन लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिनमें बीजेपी की ओर से जफर इस्लाम के अलावा गोविंद नारायण शुक्ला और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर महेश शर्मा शामिल थे. महेश शर्मा का नामांकन निरस्त हो गया था, जबकि गोविंद नारायण शुक्ला ने अपना नाम वापस ले लिया. चूंकि जफर इस्लाम अस्वस्थ होने के कारण खुद अपना पर्चा दाखिल नहीं कर सके थे. भाजपा को डर था कि कहीं इस्लाम का नामांकन अमान्य हो गया तो मामला फंस जाएगा. इसलिए पार्टी ने जीएन शुक्ला को बैकअप प्रत्याशी के तौर पर रखा था.
काफी पढ़े-लिखे हैं जफर, हिंदी और अंग्रेजी पर है पकड़
सैयद जफर इस्लाम का राज्य सभा के लिए निर्वाचित होने से भाजपा को उच्च सदन में एक ऐसा वक्ता मिल गया है, जो हिंदी के साथ ही अंग्रेजी में भी निपुण है. अरुण जेटली के निधन के बाद भाजपा को राज्या सभा में ऐसे एक नेता की जरूरत थी. जफर इस्लाम भाजपा में एक बेहद पढ़े-लिखे और उदारवादी मुस्लिम चेहरे के रूप में अपनी पहचान रखते हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से BSc और MSc की डिग्री हासिल करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया है. वह 15 वर्षों तक जर्मन ड्यूश बैंक में एमडी फाइनेंस के पद पर नौकरी कर चुके हैं.
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नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी हैं जफर इस्लाम
वह सात साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी द्वारा उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता का प्रभार सौंपा गया. जफर इस्लाम स्वभाव से मृदुभाषी हैं और उनका पीएम मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ अच्छे संबंध बताए जाते हैं. वर्तमान में वह एयर इंडिया के निदेशक मंडल में शामिल हैं. भाजपा के एक अन्य राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से जफर इस्लाम की मित्रता काफी अच्छी है. सिंधिया को भाजपा में शामिल कराने में भी जफर इस्लाम ने ही प्रमुख भूमिका निभाई थी.
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