CAA : हजारों शरणार्थियों में जगी नागरिकता मिलने की उम्मीद
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CAA : हजारों शरणार्थियों में जगी नागरिकता मिलने की उम्मीद

पीलीभीत में रह रहे हजारों शरणार्थियों में नागरिकता मिलने की उम्मीद जगी है. 

जिला प्रशासन इन्हें नागरिकता देगा

मोहम्द तारिक/पीलीभीत: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद पीलीभीत में रह रहे हजारों शरणार्थियों में नागरिकता मिलने की उम्मीद जगी है. प्राथमिक सर्वे में 37 हजार लोगों को जिला प्रशासन ने चिन्हित किया है. कानून पूरी तरह अधिसूचित होने के बाद जिला प्रशासन इन्हें नागरिकता देगा.  

बताया जा रहा है कि भारत पाक विभाजन के समय धार्मिक आधार पर उत्पीड़ित होकर भारत आए इन बांग्ला भाषी लोगों को पीलीभीत में बसाया गया था. इन्हें गवर्मेंट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे भी दिए गए थे, तभी से हजारों लोग पीलीभीत में रह रहे थे. लेकिन आज तक इन्हें नागरिकता नहीं मिली थी.

राजा कॉलोनी के रहने वाले मनोरंजन बैरागी बताते हैं कि वो अपने पिता के साथ 1969 में पीलीभीत आकर बसे थे. इनकी माने तो पूजा पाठ में रुकावट और धार्मिक उत्पीड़न के चलते वो भारत आए थे. यहां तत्कालीन सरकार ने उन्हें जमीन तो दी, लेकिन आय, जाति और स्थाई प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया. जिसकी वजह से ना तो उन्हें नौकरी मिली. ना ही बच्चों की पढ़ाई पूरी हो सकी.

मनोरंजन बैरागी की तरह ही सूधाषू मिस्त्री और चितरंजन मजूमदार भी आज सीएए के बाद काफी खुश हैं. सुधांषू मिस्त्री ने अपने पिता के साथ भारत आकर कोलकाता में शरण ली थी और सात साल कोलकाता में रहने के बाद तत्कालीन सरकार ने इन्हें पीलीभीत में बसाया.

वहीं चितरंजन के पिता 1959 में पीलीभीत आए थे. पूर्वी पाकिस्तान में इनके साथ दुर्वयव्हार और धार्मिक प्रताड़ना होती थी. इतने सालों बाद अब उन्हें नागरिकता मिलने जा रही है. इसके लिए वो सरकार का धन्यवाद देते हैं.

जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन ने जो प्राथमिक सर्वे कराया है. उनमें इनकी संख्या 37 हजार बताई जा रही है. बाकायदा इनकी सूची बनाकर जिला प्रशासन को भेजी गई है. अब जल्द ही इन्हें नागरिकता मिल सकती है.

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