इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कोविड वैक्सीनेशन अभियान के तहत अब तक करोड़ों लोगों का टीकाकरण हो चुका है. वैक्सीनेशन संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है.
Trending Photos
वैभव परमार/नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इम्पीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने मिलकर एक स्टडी की है. जिसमें दावा किया गया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगर आती भी है तो उसकी भयावहता दूसरी लहर जितनी नहीं होगी. इस स्टडी को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में पब्लिश किया गया है.
"प्लाजबिलिटी ऑफ अ थर्ड वेव ऑफ कोविड-19 इन इंडिया: अ मेथेमेटिकल मॉडलिंग बेस्ड एनालिसिस" नाम से पब्लिश इस स्टडी में ICMR के डॉयरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव, संदीप मंडल, समीरन पांडा और इम्पीरियल कॉलेज लंदन में काम करने वाले निमलन एरिनामिंपथी शामिल थे.
वैक्सीनेशन संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कोविड वैक्सीनेशन अभियान के तहत अब तक करोड़ों लोगों का टीकाकरण हो चुका है. वैक्सीनेशन संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है. अगले कुछ दिनों में भारत में बड़ी आबादी के टीकाकरण को ध्यान में रखें, तो तीसरी लहर के उतना प्रबल होने की संभावना नहीं है.
किसी नए वैरिएंट की वजह से इम्युनिटी समय के साथ कम हो सकती है
हालांकि इस स्टडी में यह भी बताया गया है कि किसी नए वैरिएंट की वजह से इम्युनिटी कैपेसिटी समय के साथ कम हो सकती है. यानी पहले से संक्रमण की जद में आ चुके लोग एक बार फिर संक्रमित हो सकते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है. लेकिन जिन्होंने वैक्सीन ले लिया है उन लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा.
इम्पीरियल कॉलेज लंदन और ICMR की रिपोर्ट में जिन कारणों का हवाला देते हुए कोरोना की तीसरी संभावित लहर का दावा किया गया है, वे निम्न हैं...
पहला कारण: ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित रहे हैं उनकी इम्युनिटी कोमॉर्बिडिटीज या किसी कारण से कम हो जाए.
दूसरा कारण: कोई ऐसा नया वायरस वैरिएंट आ जाए जो इम्युनिटी को बाईपास कर जाए.
तीसरा कारण: कोई ऐसा वायरस वैरिएंट आ जाए जो पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलने वाला हो.
चौथा कारण: अनलॉक होते राज्यों में लोगों की अनावश्यक भीड़ का बढ़ना तीसरी लहर को बुढ़ावा दे सकता है.
वैक्सीनेशन तेज हुआ तो उपरोक्त कारण हल्के पड़ सकते हैं
हालांकि इस स्टडी में कहा गया है कि किसी भी सूरत में संभावित तीसरी लहर के दूसरी लहर से बड़ी होने की आशंका नहीं है. रिपोर्ट में यह नतीजा भी निकाला गया कि अगर वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज रहे तो तीसरी लहर आने के उपरोक्त सभी कारण हल्के पड़ सकते हैं.
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने बढ़ाई केंद्र-राज्यों की चिंता
हम सबने वह मंजर देखा है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर ने पहली लहर की तुलना में कैसी तबाही मचाई. फ़िलहाल देश में कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने के बाद से ही केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है. एम्स नई दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरीया ने भी कहा है कि सावधानी नहीं बरती गई तो अगले 6 से 8 हफ्तों में देश को कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है.
WATCH LIVE TV