झंडा फहराने के नियम: क्या है संवैधानिक अधिकार, कहां फहराया जा सकता है, अपमान पर कितनी है सजा?
Advertisement

झंडा फहराने के नियम: क्या है संवैधानिक अधिकार, कहां फहराया जा सकता है, अपमान पर कितनी है सजा?

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते समय सबसे पहले ये ध्यान रखें कि तिरंगा हर जगह नहीं फहराया जाता. किसी सम्मानजनक जगह पर ही तिरंगा फहराया जाता है. जानिए तिरंगे जुड़े नियम और कानून.

झंडा फहराने के नियम: क्या है संवैधानिक अधिकार, कहां फहराया जा सकता है, अपमान पर कितनी है सजा?

नई दिल्ली: भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. 26 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर तिरंगे के अपमान के बाद से पूरा देश आहत है. तिरंगे का मान और सम्मान देश का सम्मान है. इस सम्मान पर कभी कोई आंच ना आए. इसलिए हम आपको वो बताने जा रहे हैं जो तिरंगा फहराते वक्त हर देशवासी के लिए जानना जरूरी है. सिलसिलेवार तरीके से इन बातों को समझिए.

1. किसी भी राष्ट्रीय स्मारक या ईमारत पर लगे झंडे को किसी भी वक्त नहीं उतारा नहीं, इसे हटाकर किसी दूसरे का झंडा नहीं लगाया जाता है.
2. किसी भी चीज में इसे प्रिंट नहीं किया जा सकता. इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी तरह से तिरंगे का अपमान न हो. 
3. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को देश के संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को चुना था, यह देश का आधिकारिक ध्वज है.
4. इसमें तीन रंग होते हैं. केसरिया, सफेद और हरा. केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है. सफेद या श्वेत रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता का प्रतीक है. 
5. भारत के बेंगलुरू से 420 किलोमीटर दूर हुबली, एकमात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने और सप्लाई का काम करता है.
6. अशोक चक्र के माप को ध्वज कोड में निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन अशोक चक्र में 24 तिल्लियों का होना जरूरी है, अशोक चक्र का रंग हमेशा नीले रंग का होता है.

क्या देश सेवा में तैनात CRPF जवान रहते हैं ज्यादा तनाव में ? IIM लखनऊ लगाएगा पता

7. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते समय सबसे पहले ये ध्यान रखें कि तिरंगा हर जगह नहीं फहराया जाता. किसी सम्मानजनक जगह पर ही तिरंगा फहराया जाता है.
8. ध्वज फहराते समय हमें सावधान की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए.
9. जोश और स्फूर्ति के साथ ध्वज को फहराना चाहिए.
10. जब तिरंगा उतारा जाता है तब सम्मान और आदर के साथ वो भी धीरे धीरे नीचे उतारा जाता है.
11. फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है.
12. ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है.
13. तिरंगे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए.
14. तिरंगा बुने हए ऊनी, सिल्क, खादी और सूती कपड़े से ही बना होना चाहिए.
15. सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है. सूरज ढलते ही इसे सम्मान के साथ उतारा जाता है.
16. तिरंगे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाता. जमीन पर तिरंगा देखे भी तो तुंरत उसे सम्मानजनक जगह पर रखना चाहिए.
17. देश का नागरिक तिरंगे का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर सकता.
18. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना या और किसी भी तरह से पहनना उसका अपमान है.
19. तिरंगे का इस्तेमाल किसी भी चीज को ढकने में नहीं लाया जा सकता.
20. किसी भी वजह से अगर तिरंगा फट जाए या मैला हो जाए, ऐसे में किसी एंकात में जाकर पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ नष्ट करें.
21. राष्ट्रीय ध्वज को पानी में नहीं डुबा सकते.
22. किसी भी तरह से तिरंगे को नुकसान पहुंचा कर देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ और कानूनी रूप से अपराध है. 

10 बड़ी बातें: दिल्ली हिंसा, खेती, क्रिकेट और किसान पर क्या बोले पीएम मोदी

तिरंगे का अपमान देश का अपमान, ये है सजा का प्रावधान
ये जानकारी भी आपके लिए जानना बहुत जरूरी है कि तिरंगे के अपमान करने पर सजा का क्या प्रावधान है. राष्ट्रीय ध्वज के किसी भी हिस्से को जलाने पर, किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने पर और इसके अलावा जुबानी तौर पर या कहीं तिरंगे के लिए अपमानजनक शब्द लिख कर तिरंगे का अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.

WATCH LIVE TV

Trending news