नवोदय विद्यालय छात्रा मौत: तत्कालीन एसपी को निलंबित करने के आदेश, कोर्ट ने डीजीपी को भी किया तलब
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नवोदय विद्यालय छात्रा मौत: तत्कालीन एसपी को निलंबित करने के आदेश, कोर्ट ने डीजीपी को भी किया तलब

बताया जा रहा है कि कोर्ट ने छात्रा की फांसी के बाद पंचनामे की वीडियो को भी दोबारा देखा, जिसके बाद पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई गई है...

नवोदय विद्यालय छात्रा मौत: तत्कालीन एसपी को निलंबित करने के आदेश, कोर्ट ने डीजीपी को भी किया तलब

आशुतोष मिश्रा/मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जवाहर नवोदय विद्यालय में संदिग्ध परिस्थिति में छात्रा की मौत मामले ने फिर तूल पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इस केस में तत्कालीन इंस्पेक्टर पहुप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. घटना के समय पहुंप सिंह थाना भोगांव के इंस्पेक्टर थे. साथ ही इस केस में विवेचना अधिकारी भी थे. वहीं, पहुप सिंह के साथ तत्कालीन एडिशनल एसपी और सीओ को भी निलंबित कर दिया गया है. बता दें, इसी घटना में पहले भी इन अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है. ऐसे में एक ही मामले में दो बार दंड मिलने से अधिकारी बेचैन हो रहे हैं. वहीं, यह जानकारी भी मिली है कि तत्कालीन एसपी अजय कुमार पांडे और अविनाश पांडे पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.

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कोर्ट ने डीजीपी को दिया जिला न छोड़ने का आदेश
इसके अलावा, बीते दिन इस मामले को लेकर हाई कोर्ट भी सख्त हुआ. कोर्ट ने डीजीपी मुकुल गोयल को तलब किया था. डीजीपी कोर्ट में हाजिर भी हुए, लेकिन सफाई नहीं दे सके. ऐसे में कोर्ट ने नाराजगी भी जताई है. इसी के साथ गुरुवार को फिर से डीजीपी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है और प्रयागराज न छोड़ने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा, एसपी मैनपुरी के खिलाफ भी एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं. जज का कहना है कि या तो उन्हें हटाया जाए या जबरन रिटायर किया जाए.

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कोर्ट का कहना-पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ हुई छेड़छाड़
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने छात्रा की फांसी के बाद पंचनामे की वीडियो को भी दोबारा देखा, जिसके बाद पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई गई है. कोर्ट ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखकर ऐसा लगता है कि रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की गई है. मृतक छात्रा के गले में जो फांसी के निशान हैं, वह संदेह पैदा कर रहे हैं. ऐसे में कोर्ट ने डीजीपी मुकुल गोयल से कहा है कि अगर सही तरीके से और कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो कोर्ट सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा. बता दें, इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस एके ओझा की बेंच कर रही है.

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क्या था मामला?
गौरतलब है कि बीते 16 सितंबर 2019 को मैनपुरी के जवाहर नवोदय स्कूल के हॉस्टल में क्लास-11 में पढ़ने वाली एक छात्रा की लाशहॉ पंखे से लटकती पाई गई थी. परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या बता रही थी. हालांकि, जब फॉरेंसिक रिपोर्ट आई तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. स्लाइड में मेल के स्पर्म भी पाए गए थे. जिसके बाद एसआईटी ने जांच शुरू की थी. इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी की थी. फिलहाल, 2 साल बीत गए हैं, लेकिन पीड़िता के माता-पिता को अभी तक न्याय नहीं मिला है. ऐसे में अब हाईकोर्ट ने अफसरों को लताड़ा है.

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