इमरजेंसी के समय जेल में बैठे राजनाथ सिंह का हाथ पढ़ रहे थे रामप्रकाश गुप्त, बोले- 'एक दिन बनोगे यूपी के सीएम'
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand939019

इमरजेंसी के समय जेल में बैठे राजनाथ सिंह का हाथ पढ़ रहे थे रामप्रकाश गुप्त, बोले- 'एक दिन बनोगे यूपी के सीएम'

जानें कैसे सच हुई जनसंघी दौर के नेता रामप्रकाश गुप्त की भविष्यवाणी...

इमरजेंसी के समय जेल में बैठे राजनाथ सिंह का हाथ पढ़ रहे थे रामप्रकाश गुप्त, बोले- 'एक दिन बनोगे यूपी के सीएम'

लखनऊ: साल था 1976. इमरजेंसी के दौरान कई नए और पुराने नेताओं को जेल जाना पड़ा था. उन्हीं में से एक थे राजनाथ सिंह. उस समय राजनाथ महज 24 साल के थे. देश के विकास का जुनून उनकी रगों में वैसे ही दौड़ रहा था, जैसे आज दौड़ता है. उस समय जेल में बैठकर जनसंघी दौर के नेता रामप्रकाश गुप्त राजनाथ सिंह का हाथ पढ़ रहे थे. कुछ देर अच्छे से देखने के बाद उन्होंने राजनाथ सिंह से नजरें मिलाकर कहा कि तुम जल्द ही एक बहुत बड़े नेता बनोगे. इस बात पर राजनाथ ने पूछा, 'कितने बड़े गुप्ता जी?'. रामप्रकाश गुप्त बोले- 'उत्तर प्रदेश के सीएम जितने.' राजनाथ सिंह इस बात पर ठहाका लगाकर हंस दिए...

फांसी के तख्त पर आखिरी सांस तक बिस्मिल ने गाया था 'सरफरोशी की तमन्ना,' जानें कैसे आईं ये अमर लाइनें

आज से 70 साल पहले, 10 जुलाई 1951 में वाराणसी के पास, चंदौली में राजनाथ सिंह का जन्म हुआ था. आज उनके 70वें जन्मदिन पर हम आपको बताते हैं राजनाथ सिंह से जुड़ा एक ऐसा किस्सा, जो कम लोग ही जानते होंगे.

नकल अध्यादेश से हुए फेमस
1991 में जब बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई और क्लयाण सिंह मुख्यमंत्री बने, तब राजनाथ सिंह को राज्य की शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई. माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनने पर उन्होंने कई बड़े कदम उठाए. 1991 में राजनाथ नकल अध्यादेश लाने की वजह से फेमस हो गए थे. इस अध्यादेश के तहत एग्जाम में चीटिंग पर पूरी तरह से नजर रखी जाती थी और नकलची स्टूडेंट्स को परीक्षा के बीच से ही गिरफ्तार कर लिया जाता था. फिर जमानत होती थी कोर्ट में सुनवाई के बाद. इस अध्यादेश ने पूरे प्रदेश को सन्न कर दिया था. नकल का कोई नाम भी नहीं लेता था. इसका परिणाम यह हुआ कि बच्चों के पास होने का पर्सेंट बुरी तरह से नीचे आ गया.

8 किस्से: महिलाएं कॉन्सर्ट छोड़कर जाने लगीं तो Hemant Kumar ने गुनगुनाया ये गीत और थम गए सबके पैर

इस समय मिली राज्यसभा सीट
इसके बाद, बाबरी विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद कल्याण सिंह ने 1992 में इस्तीफा दे दिया. 1993 में फिर यूपी चुनाव हुए, लेकिन बीजेपी इसमें पीछे रह गई. राजनाथ खुद महोना सीट से हार गए. उस समय बात उड़ी कि राजनाथ सिंह को शिक्षकों और बच्चों की हाय लगी है. लेकिन, राजनाथ ऐसे नेता तो नहीं थे, जो हाय से हार मान लें. 2 साल के अंदर ही उन्होंने राज्यसभा सीट जीत ली. 

रामप्रकाश गुप्ता को बनाया गया सीएम
कुछ सालों बाद लड़ाई कल्याण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी की हो गई. क्ल्याण सिंह कहत थे कि पहले अटल बिहारी एमपी तो बनें, तभी तो पीएम बनेंगे. इसके बाद, 1999 में अटल बिहारी लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव जीते. कुछ समय बाद पीएम बन गए. लेकिन लोकसभा चुनाव में यूपी में हार का जिम्मा कल्याण सिंह के सिर पर फोड़ा गया. उस समय राजनाथ सिंह की ताजपोशी नहीं की गई, बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी ने एक और रास्ता निकाला. उन्होंने खोए हुए नेता रामप्रकाश गुप्त को सीएम बनाया. 

हेलमेट को चीरते हुए निकली गोली लेकिन अंतिम बंकर जीतकर ही रहा कारगिल का `परमवीर`

ऐसे सच हुई रामप्रकाश की भविष्यवाणी
नई पीढ़ी उन्हें जानती तक नहीं थी और न रामप्रकाश गुप्त की नई राजनीति पर पकड़ थी. फिर भी उन्होंने 11 महीने राज किया. इसके बाद उन्हें हटाकर राजनाथ सिंह को सीएम बनाया गया. 

किसी ने सोचा भी नहीं था
करीब 24 साल बाद रामप्रकाश गुप्त की वह भविष्यवाणी सच साबित हो गई. वह भी ऐसे रहस्यमयी तरीके से, जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. 

राजनथ सिंह कहलाए गए 'घोषणानाथ'
जब राजनाथ सिंह सीएम बने तो उन्होंने प्रदेश के लिए कई बड़े ऐलान किए. इतने ऐलान कि विपक्ष ने उनका नाम ही रख दिया 'घोषणानाथ'. 

WATCH LIVE TV

Trending news