कोरोना से लड़ने के लिए शुरू किया गया देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे बीच में अटका, जानें वजह
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कोरोना से लड़ने के लिए शुरू किया गया देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे बीच में अटका, जानें वजह

जिन इलाकों के लोगों में एंटीबॉडी कम पाई जाएगी, वहां संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा. ऐसे में उस जनपद में वैक्सीनेशन कराकर कोरोना के खतरे को टाला जा सकेगा. लेकिन केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अभी तक विभिन्न जनपदों से 30 हजार सैंपल ही आ सके हैं.

कोरोना से लड़ने के लिए शुरू किया गया देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे बीच में अटका, जानें वजह

शुभम पाण्डेय/लखनऊ: प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से सभी लोगों में खौफ है. तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रदेश में 4 जून से देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे शुरू किया गया था. आठ दिन तक चलने वाले इस सर्वे में 65 हजार से अधिक लोगों के खून के नमूने लेने का लक्ष्य तय किया गया था. तय समय के बाद भी कई दिन बीतने पर 50 फीसद ही सैम्पल जुटाए जा सके हैं. ऐसे में स्टडी फंस गई है. 

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सर्वे से पता लगेगी यह बात
दरअसल, सीरो सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाना था कि कितनी फीसद आबादी संक्रमण की चपेट में आ चुकी है. ताकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उचित प्लान बनाया जा सके. लेकिन अभी तक आधे सैंपल आने की वजह से सर्वे अधर में है.

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इलाके के हिसाब से किया जाना है सर्वे
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने  4 जून को 75 जनपदों में सीरो सर्वे शुरू होने की घोषणा की थी. दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी सीरो स्टडी होगी. इसके लिए 11 जून तक विभिन्न जनपदों से 65 हजार सैम्पल संग्रह किए जाने थे. इसके बाद लैब में खून की जांच कर उनमें एंटीबॉडी का अध्ययन किया जाएगा. अध्ययन में यह पता चलेगा किस इलाके में, कितनी आबादी संक्रमित हो चुकी है और उनमें एन्टीबॉडी बन चुकी है या नहीं.

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अभी तक आए 30 हजार सैंपल
जिन इलाकों के लोगों में एंटीबॉडी कम पाई जाएगी, वहां संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा. ऐसे में उस जनपद में वैक्सीनेशन कराकर कोरोना के खतरे को टाला जा सकेगा. लेकिन केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अभी तक विभिन्न जनपदों से 30 हजार सैंपल ही आ सके हैं.

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केजीएमयू को बनाया गया नोडल सेंटर
गौरतलब है कि राज्य में पिछले वर्ष पहली लहर में सीरो सर्वे कराया गया था. इस सर्वे के लिए चार-चार सदस्यों की टीम बनाई गई थी. जिसने 11 जनपदों के लोगों का रैंडम खून का नमूना लिया. इन सैम्पल की जांच केजीएमयू में हुई थी. इस बार सभी 75 जिलों में सीरो सर्वे हो रहा है. इस साल भी सीरो सर्वे का नोडल सेंटर केजीएमयू बनाया गया है. लेकिन तय मियाद के भीतर अभी तक सैंपल नहीं एकत्रित हो पाए हैं.

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