Hindu Mandir: चीन के दुश्मन देश में खुला पहला हिन्दू मंदिर, पीएम मोदी के सबका साथ नारे को दिया सम्मान
Taiwan Hindu Mandir: ताइवान की राजधानी में पाइपे में पहले हिंदू मदिर का उद्घाटन किया गया है. ताइवान और भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. ताइवान के ताइपे शहर में खोले गए इस मंदिर को एक हिंदू बिजनेसमैन ने खोला है. जानें इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी...
Taiwan Hindu Mandir: ताइवान की राजधानी ताइपे शहर में हिंदू मंदिर खोला गया है. इस खबर को सुनने के बाद लोगों में थोड़ी हैरानी हो सकती है लेकिन यह सच है. इस मंदिर का नाम "सबका मंदिर" रखा गया है. इस मंदिर को बनाने वाले लोगों का कहना है कि यह मंदिर दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने के लिए बनवाया गया है. यह मंदिर दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. इस मंदिर को दो दशकों से भारतीय प्रवासी और ताइवान में एक प्रसिद्ध भारतीय रेस्तरां के मालिक एंडी सिंह आर्य ने बनवाया है.
ताइवान में रहने वाली भारतीय नागरिक सना हाशमी ने भारतीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि "इस मंदिर की स्थापना से ताइवान में रह रहे भारतीय समुदाय आपस में जुड़ेगा. मंदिर की स्थापना से यहां रह रहे लोग अपनी संस्कृति से जुड़ पाएंगे. इस मंदिर के निर्माण से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे.
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मंदिर का उद्घाटन भारत और ताइवान के संबंधों की सांस्कृतिक कहानी में एक ऐतिहासिक क्षण है. ताइवान में आईआईटी- इंडियंस की संस्थापक डॉ. प्रिया लालवानी पुर्सवेनी ने इसे पूरे ताइवान में रह रहे प्रवासी भारतीयों का विकास बताया है. उन्होंने कहा कि यह न केवल ताइवान में रह रहे भारतीयों के बल्कि ताइवान के हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है. आगे उन्होंने कहा कि ताइवान के लोग जानते हैं कि उनके देश के लिए यह मंदिर कितना जरूरी है.
मंदिर का उद्घाटन राजनयिक प्रयासों के विस्तार की पृष्ठभूमि में हुआ है. ताइवान ने हाल ही में मुंबई में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने की योजना का खुलासा किया, जो आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने का केंद्र है.
यह राजनयिक उद्यम प्रगाढ़ सहयोग के लिए गहरे होते संबंधों और आपसी आकांक्षाओं को रेखांकित करता है. इसके अतिरिक्त, एक प्रवासन और गतिशीलता संधि, जिस पर अक्टूबर में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, लोगों से लोगों की सहभागिता को बढ़ावा देने और भारत से ताइवान में सहज प्रवासन की सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है.
जैसे ही मंदिर के दरवाजे खुलते ही पूरे शहर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं. यह न केवल एक आध्यात्मिक मील का पत्थर है बल्कि ताइवान और भारत के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग की भी प्रतिध्वनि है. द्विपक्षीय व्यापार के फलने-फूलने और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा उपकरणों और ऑटोमोबाइल घटकों सहित विभिन्न क्षेत्रों में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ, संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए तैयार हैं.
"सबका मंदिर" को ताइवान का पहला मंदिर माना जा रहा है जहां भारतीय समुदाय इकट्ठा हो सकता है, इस स्थान पर पहले से ही एक "इस्कॉन मंदिर" और एक भगवान गणेश मंदिर था, जिसे थायस के बीच अधिक लोकप्रिय माना जाता है.
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