जानिए सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है #अहीर_रेजिमेंट, यूजर्स कर रहे हैं ये मांग
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जानिए सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है #अहीर_रेजिमेंट, यूजर्स कर रहे हैं ये मांग

ट्विटर (Twitter) पर #अहीर_रेजिमेंट #अहीर_रेजिमेंट_हक़_है_हमारा# ट्रेंड (Trend)कर रहा है. यूजर्स का कहना है कि 1962 में चीन के साथ हुई जंग में अहीर सैनिकों ने भी अपने शौर्य का जबरदस्त प्रदर्शन किया था. अहीरों की जनसंख्या भी काफी ज्यादा थी, ऐसे में सेना में अहीर रेजीमेंट का ना होना अन्याय है. 

जानिए सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है #अहीर_रेजिमेंट, यूजर्स कर रहे हैं ये मांग

नई दिल्ली: सेना में अहीर रेजिमेंट (Ahir Regiment) बनाने की मांग ने अचानक एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है. ट्विटर पर #अहीर_रेजिमेंट #अहीर_रेजिमेंट_हक़_है_हमारा# ट्रेंड कर रहा है. हर मिनट कोई न कोई नया ट्वीट इस मुहिम से जुड़ रहा है. अहीर समाज के लोगों की मांग है कि देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले वीर अहीर सैनिकों के सम्मान में अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया (Social Media) पर इस मांग ने जोर पकड़ लिया है.

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Ahir सैनिकों ने किया था जबरदस्त प्रदर्शन
कुछ यूजर्स का कहना है कि 1962 में चीन के साथ हुई जंग में अहीर सैनिकों ने भी अपने शौर्य का जबरदस्त प्रदर्शन किया था. अहीरों की जनसंख्या भी काफी ज्यादा थी, ऐसे में सेना में अहीर रेजीमेंट का ना होना अन्याय है. इसी की सपोर्ट में कई तरह के मीम्स भी वायरल हो रहे हैं.

काफी पुरानी है मांग
अहीर रेजिमेंट की मांग कोई नई नहीं है. 2016 में ऑल इंडिया यादव महासभा ने इसके लिए आवाज बुलंद की थी. रेजांगला शहीद फाउंडेशन भी इसे लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुकी है. समाजवादी पार्टी ने चुनावी फायदे को ध्यान में रखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में अपने घोषणापत्र (Manifesto) में अहीर बख्तरबंद रेजिमेंट बनाए का ऐलान किया था. यादव समाज का कहना है कि 1962 के युद्ध में कुल 114 सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें से 112 यादव थे. इन सैनिकों ने चीन के सैंकड़ों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था. इसलिए सम्मान स्वरुप अहीर रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए.  

सेना में कितनी रेजीमेंट
इस समय सेना में 23 रेजीमेंट (23 Regiment) हैं. जिनमें से कई जातियों और इलाकों के नाम पर भी हैं. इनमें मुख्य तौर पर जाट रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट, गोरखा रेजीमेंट, सिख रेजीमेंट, डोगरा रेजीमेंट, पंजाब रेजीमेंट, बिहार रेजीमेंट और असम रेजीमेंट आदि शामिल हैं.

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मोदी सरकार कर चुकी है इंकार
भले ही अहीर रेजिमेंट की मांग ने फिर से जोर पकड़ लिया हो, लेकिन इसका सरकार पर कोई असर होगा इसकी संभावना कम है. क्योंकि मोदी सरकार (Modi Government) पहले ही साफ कर चुकी है कि जातियों के नाम पर अब कोई नई रेजिमेंट (Regiment) नहीं बनाई जाएगी. सरकारी नीति के मुताबिक सभी नागरिक चाहे वे किसी वर्ग, पंत, क्षेत्र या धर्म के हों, भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए पात्र हैं. आजादी के बाद सरकार की नीति किसी विशेष वर्ग, समुदाय, धर्म या क्षेत्र के लिए कोई नई रेजीमेंट गठित करने की नहीं रही है.

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