कांग्रेस पार्टी रेखा आर्य और आईएएस षणमुगम के बीच उभरे विवाद को लेकर त्रिवेंद्र रावत सरकार पर लगातार हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्री रेखा आर्य और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.
Trending Photos
देहरादून: त्रिवेंद्र रावत सरकार में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य अपने विभागीय निदेशक आईएएस अफसर वी षणमुगम के साथ विवाद को लेकर चर्चा में हैं. कांग्रेस पार्टी रेखा आर्य और आईएएस षणमुगम के बीच उभरे विवाद को लेकर त्रिवेंद्र रावत सरकार पर लगातार हमलावर है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्री रेखा आर्य और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. राज्य सरकार द्वारा मंत्री-आईएएस विवाद की जांच कराने के फैसले पर हरीश रावत ने तंज कसा.
उन्होंने ट्वीट किया, ''त्रिवेंद्र सरकार ने मंत्री और आईएएस विवाद की जांच एक दूसरे अधिकारी को सौंपी है. सरकार 'उल्टे बांस बरेली के' कथानक को सही सिद्ध करने पर तुली है. शायद मामले को रफा दफा करने के सिवा मुख्यमंत्री के पास कोई रास्ता नहीं है. मुझे चुनौती देने की बजाय मंत्री रेखा आर्य को इस प्रकरण की जांच जिला सत्र न्यायाधीश को सौंपने की मांग करनी चाहिए. ताकि न्यायधीश की देखरेख में एसआईटी, दूध का दूध और पानी का पानी कर सके. मुझ जैसों को इस बात पर मगज खपाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कि यह बांस उल्टे "बरेली" को क्यों जा रहा.''
#लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोच्च है। वर्ष 2017 में #उत्तराखण्ड की जनता ने मेरे विरोध में और जिन्हें माननीय न्यायालय ने पापी कहा, उन दल-बदलुओं को महिमा मंडित करने वालों के पक्ष में फैसला दिया। मेरे निर्णयों पर पहले भी काफी बहस....https://t.co/LoOZZJvUgK@tsrawatbjp pic.twitter.com/Io3BvNVZwH
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 25, 2020
हरीश रावत अगर आरोप साबित कर दें तो संन्यास ले लूंगी: आर्य
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस ट्वीट पर मंत्री रेखा आर्य ने पलटवार करते हुए कहा, ''हरीश रावत ने यदि मुझ पर कोई भी आरोप साबित कर दिया तो मैं राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लूंगी.'' राज्यमंत्री रेखा आर्य ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुए विभिन्न मामलों को उठाते हुए कहा, ''उनके कार्यकाल में स्टिंग हुआ जो पूरे देश ने देखा. कितने प्यार से मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए वह कह रहे थे कि यार विभाग से मंत्री जो कमा ले, करोड़ों, अरबों. मैं अपनी आंख बंद कर लूंगा. बस किसी तरह मेरी कुर्सी बच जाए.''
मंत्री रेखा आर्य और IAS वी षणमुगम के बीच विवाद से CM त्रिवेंद्र रावत नाराज, दिए जांच के आदेश
रेखा आर्य ने स्टिंग को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत पर कसा तंज
रेखा आर्य ने कहा, ''जब सरकार बचाने की एवज में 20 से 25 करोड़ देने की बात कही जा रही थी, तब उन्होंने बड़े प्यार से उत्तर दिया कि अभी आप दे दो और 29 तारीख को सरकार बनने के बाद मैं आपको 20-25 करोड़ के साथ टॉप अप दे दूंगा.'' रेखा आर्य ने हरीश रावत पर आरोप लगाया कि जिस जिले में पूर्व मुख्यमंत्री ने जन्म लिया, जहां से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, उसी जिले के ग्राम नैनीसार के लोगों की जमीन बिना उनसे पूछे एक अंतरराष्ट्रीय विद्यालय खोलने के नाम पर भू-माफिया से सांठगांठ करके उन्हें कौड़ियों के भाव दे दी. जनपद वासियों ने जब इसका विरोध किया तो उनके ऊपर लाठी डंडे बरसाने से भी गुरेज नहीं किया.''
पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी के कालखंड की कुछ अविस्मरणीय कार्यों की जानकारी https://t.co/M9ecbHByzK @harishrawatcmuk pic.twitter.com/Mr2NzxtP2l
— Rekha Arya (@rekhaaryaoffice) September 24, 2020
वर्तमान सरकार चाहे मंत्री के आरोपों की जांच करा ले: हरीश रावत
हरीश रावत ने भी रेखा आर्य के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने लिखा, ''लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोच्च है. वर्ष 2017 में उत्तराखंड की जनता ने मेरे विरोध में और जिन्हें माननीय न्यायालय ने पापी कहा, उन दल-बदलुओं को महिमा मंडित करने वालों के पक्ष में फैसला दिया. मेरे निर्णयों पर पहले भी काफी बहस हो चुकी है. मेरे फैसले उत्तराखंड के हित में थे. वर्तमान सरकार चाहे तो हाईकोर्ट की बेंच से एन.एच. घोटाले सहित नैनीताल और उधमसिंनगर में हुए सभी भूमि व अन्य घोटालों की जांच करने का अनुरोध कर सकती है.''
क्या है मंत्री रेखा आर्य और आईएएस वी षणमुगम के बीच का विवाद?
आपको बता दें कि मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन में गड़बड़झाले की शिकायत पर निदेशक वी षणमुगम को टेंडर प्रक्रिया के साथ ही कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए थे. साथ ही टेंडर से संबंधित पत्रावली तलब की थी. दो दिन तक निदेशक वी षणमुगम का उनके साथ संपर्क नहीं हो पाया. मंत्री ने देहरादून एसएसपी को पत्र लिखकर आईएएस अधिकारी वी षणमुगम के अपहरण की आशंका जताई थी और उनको तत्काल ढूंढने का आग्रह किया था. जब पुलिस आईएएस षणमुगम के घर पहुंची तो वह सही सलामत मिले. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह होम क्वॉरंटीन हैं. यह विवाद इतना बढ़ा कि सीएम को संज्ञान लेकर जांच बिठानी पड़ी.
WATCH LIVE TV