उन्नाव गैंगरेप: आरोपी बीजेपी MLA कुलदीप सेंगर को 'माननीय' बोलकर फंसे UP के DGP, देखें वीडियो
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उन्नाव गैंगरेप: आरोपी बीजेपी MLA कुलदीप सेंगर को 'माननीय' बोलकर फंसे UP के DGP, देखें वीडियो

उन्नाव सामूहिक बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में फंसे भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर मामले पर 12 अप्रैल को एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था.

उन्नाव सामूहिक बलात्कार केस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह. (ANI/Twitter/12 April, 2018)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुरुवार (12 अप्रैल) को उस वक्त फजीहत झेलनी पड़ी जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने उन्नाव सामूहिक बलात्कार के मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को 'माननीय' कहकर संबोधित किया. दरअसल, उन्नाव सामूहिक बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में फंसे भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर मामले पर गुरुवार को एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे. इसी क्रम में डीजीपी ने कई बार आरोपी विधायक सेंगर को 'माननीय' कहकर संबोधित किया, जिसपर वहां बैठे पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया. हालांकि उन्होंने (डीजीपी ने) सफाई देते हुए कहा कि वे (भाजपा विधायक) अभी आरोपी हैं और उनके ऊपर दोष साबित नहीं हुआ है, ऐसे में 'माननीय' कहने में कुछ गलत नहीं है.

  1. उन्नाव गैंगरेप केस CBI के हवाले.
  2. फिलहाल एसआईटी कर रही है जांच.
  3. उन्नाव गैंगरेप में आरोपी है BJP विधायक कुलदीप सेंगर.

यूपी के डीजीपी बोले- CBI तय करेगी BJP विधायक गिरफ्तार होंगे या नहीं
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी फिलहाल टलती दिख रही है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और प्रधान गृह सचिव अरविंद कुमार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट तौर से कहा कि आरोप के आधार पर बीजेपी विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अब यह मामला सीबीआई को सौंप दी गई है.

ऐसे में सीबीआई तय करेगी की कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया जाए या नहीं. उन्होंने साफ तौर से कहा कि मामले की पहले जांच कराई जाएगी. साक्ष्य मिलने के बाद ही सीबीआई तय करेगी की गिरफ्तारी हो या नहीं.

इससे पहले उन्होंने कहा कि पीड़िता के पिता के साथ 3 अप्रैल 2018 को मारपीट की गई, जिसके बाद जेल में उनकी मौत हो गई. इस मामले की दो स्तरों पर जांच कराई गई. डीआईजी (जेल) की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि पीड़िता के पिता को जेल ले जाने से पहले उनका ठीक से मेडिकल चेकअप नहीं कराया गया था, जिसकी वजह से ये नहीं पता चल पाया था कि शरीर में अंदरुनी चोट थी या नहीं. जेल के अंदर तबियत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उन्हें जिला अस्पताल में भेजने को कहा था, लेकिन उनका इलाज जेल के अंदर बने अस्पताल में ही किया गया. इस मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई हो चुकी है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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