उन्नाव गैंगरेप: SP के रीडर ने पीड़िता के चाचा से कहा, 'हमारी भी प्रॉब्लम्स है...', पढ़ें पूरी बातचीत
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उन्नाव गैंगरेप: SP के रीडर ने पीड़िता के चाचा से कहा, 'हमारी भी प्रॉब्लम्स है...', पढ़ें पूरी बातचीत

उन्नाव के एसपी के रीडर और गैंगरेप पीड़िता के पीड़िता के चाचा के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आया है जिसमें वे दबी जुबान में स्वीकार रहे हैं कि उनपर दबाव है. 

बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने पड़ोस में रहने वाली लड़की के साथ गैंगरेप किया. तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप केस में जांच प्रभावित करने के लिए पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालने के संकेत मिले हैं. दरअसल, उन्नाव के एसपी के रीडर और गैंगरेप पीड़िता के पीड़िता के चाचा के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आया है जिसमें वे दबी जुबान में स्वीकार रहे हैं कि उनपर दबाव है. हालांकि पूरी बातचीत में एसपी के रीडर खुलकर किसी का नाम नहीं ले रहे हैं, वे बस इशारों में पीड़िता के पीड़िता के चाचा को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि दबाव के चक्कर में पुलिस से कुछ गलतियां हुई हैं. आइए पढ़ें एसपी के रीडर और पीड़िता के पीड़िता के चाचा के बीच फोन पर हुई पूरी बातचीत.

  1. बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का आरोप
  2. पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत
  3. पीड़िता के चाचा के सामने दबाव की बात स्वीकारते दिखे पुलिसकर्मी

पीड़िता के पीड़िता के चाचा : नमस्ते सर. 
रीडर : आप कौन. 
पीड़िता के चाचा : मैं.. बोल रहा हूं.
रीडर : ठीक ठीक ठीक होल्ड करना.रीडर की तरफ से लंबी खामोशी के बाद वापस रीडर बोले, मैंने विधायक ओ सॉरी सॉरी विवेचक से बात की थी. दोनों V से ही शुरू होते हैं. बयान में बात में नाम बढ़ा दिया जाएगा इसमें कौन सी आफत है.
पीड़िता के चाचा : सर मेरी तहरीर बदल दी गई. सर मेरा मूल प्रार्थनापत्र ही बदल दिया गया माखी थाने में.
रीडर : धाराएं बढ़ जाएंगी.
पीड़िता के चाचा : धारा की कोई बात नहीं, मेरी मां ने रात में एसपी साहिबा को जो लेटर दिया वहीं थाने में दिया था, लेकिन उसमें अतुल सिंह को बाहर कर दिया गया. दूसरे लोगों को शामिल कर दिया गया.
रीडर : तो उसमें शामिल करा दिया जाएगा. कोई प्रॉब्लम की बात नहीं है.
पीड़िता के चाचा : सर धारा की कोई बात नहीं कर रहा हूं, मेरा जो मूल प्रार्थना पत्र था उसमें मुख्य अभियुक्त ही अतुल सिंह थे उनको पुलिस ने बाहर कर दिया.
रीडर : आपने सूचना दी, उन्होंने गलती की है तो गलती की सजा भी मिलेगी और आपका काम भी होगा.
पीड़िता के चाचा : लेटर आपके पास है एसपी साहिबा को देकर गए उसके बाद भी बदल गया.
रीडर : लेटर बहुत पुराना लिखा गया फोटो कॉपी थी.
पीड़िता के चाचा : नहीं सर मैंने वाट्सएप किया मैडम को फोटोकापी नहीं थी. सर कल लेटर लिखा गया था कल ही घटना हुई. हमें क्या पता था कि ये लोग इतना बुरा मारेंगे. जो मैं पहले लेटर लिख लेता.
पीड़िता के चाचा : 156-3 की तारीख लगी थी उसके बाद मां की दवा देने के लिए घर जा रहा था वहीं मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने के लिए मरवा देने की धमकी दी गई. फिर मेरे घर में घुसकर मारपीट की गई.
रीडर : जज साहब और मैं धारा नहीं बदलता हूं. परेशान मत हो सब आ जाएंगे.
पीड़िता के चाचा : जो मेन एफआइआर से अतुल सिंह का नाम हटा दिया.
रीडर : क्यों परेशान हो रहे हो, सब आ जाएगा. थोड़ा सब्र करिए, आप लड़ाई लड़ रहे हैं हम आपके साथ हैं कुछ समझा करिए. हमारी भी प्रॉब्लम्स हैं कुछ उनको समझने का प्रयास करिए और आप लड़ाई जारी रखिए. हम सब कर करेंगे.
रीडर : हमारे पास भी मूंछ हैं समझ रहे हैं न हमें भी बुरा लगता है जब किसी कमजोर पक्ष को कोई दबाता है. मेरे सामने अगर कोई दबाएगा तो हम दबाएंगे और कोई नहीं, मेरा यह सिस्टम रहता है, समझ रहे हैं न. वक्त की मांग अपनी एक मांग होती. नहीं लिखा है उसकी भी जांच होगी.
पीड़िता के चाचा : सर अतुल का नाम आ जाएगा.
रीडर : बिल्कुल आएगा पक्का आएगा. किसी के बयान में आ जाएगा. लास्ट में आ जाएगा. समय लगेगा आप लगे रहिए.

मामले की CBI जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिक दायर कर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य द्वारा एक युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) द्वारा जांच कराने की मांग की गई है. अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने अपनी याचिका में 3 करोड़ रुपये के मुआवजे तथा पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है.

शर्मा ने कहा कि इस मामले को सीबीआई के पास जांच के लिए भेजा जाना चाहिए, ताकि सही निष्पक्ष जांच हो सके.

उन्होंने कहा, "हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत राज्य की सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर पुलिस द्वारा अत्याचार का एक स्पष्ट मामला है. यह मामला अब यूपी पुलिस के खिलाफ है और यूपी पुलिस खुद के खिलाफ जांच नहीं कर सकती."

इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म के आरोपों और लड़की के पिता की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया.

पुलिस ने माखी थाना गृह अधिकारी और पांच हवलदार सहित छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है, और सेंगर के भाई अतुल सिंह व उसके चार सहयोगियों - बाऊ, विनीत, शैलू और सोनू को गिरफ्तार किया है.

पीड़िता ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी. वह सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रही थी. बाद में रविवार को पीड़िता के पिता को पुलिस ने उठा लिया और कथित तौर पर अतुल सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा उनकी पिटाई की गई, जिससे पीड़िता के पिता की पुलिस स्टेशन में मौत हो गई.

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