उन्नाव गैंगरेप केस की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज, CBI कोर्ट में पेश करेगी स्टेटस रिपोर्ट
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उन्नाव गैंगरेप केस की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज, CBI कोर्ट में पेश करेगी स्टेटस रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने गत 13 अप्रैल को मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सीबीआई को इस प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट 2 मई को पेश करने का आदेश दिया था. 

आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज परिवार ने मंगलवार (1 मई) को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाने पहुंचा.

नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप केस मामले में सीबीआई बुधवार को जांच की स्टेटस रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश करेगी. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ के सामने सीलबंद लिफाफे में पेश करेगी. दरअसल, पीड़िता के पिता की मौत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने खुद ही इसका संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में इसकी सुनवाई शुरू की थी और सीबीआई को पुराने मामलों की भी जांच का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने गत 13 अप्रैल को मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सीबीआई को इस प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट 2 मई को पेश करने का आदेश दिया था. 

  1. इलाहाबाद हाईकोर्ट में CBI पेश करेगी स्टेटस रिपोर्ट
  2. CBI सीलबंद लिफाफे में पेश करेगी स्टेटस रिपोर्ट
  3. पुलिस की भूमिका की जांच कर रही है CBI  

पुलिस की भूमिका की जांच कर रही है CBI  
सीबीआई इस समय इस मामले में घटना के समय उन्नाव में तैनात एसपी, सीओ व माखी थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच कर रही है. इन लोगों के बयान सीबीआई दर्ज कर चुकी है, लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर पूछताछ होनी है.

हाईकोर्ट पहुंचा पीड़ित परिवार
रेप पीड़िता अपने परिवार के साथ मंगलवार (1 मई ) को इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची. उन्नाव गैंगरेप कांड के कई आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाने पहुंचा. पीड़ित परिवार का कहना है कि पीड़िता के पिता की हत्या के बाद पुलिस को दी गई तहरीर में कई आरोपी ऐसे हैं जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. उनका कहना है कि पुलिस ने तहरीर भी मनमाने ढंग से लिखी है और पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. 

बीजेपी विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप
आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई, इसके बाद ये मामला सुर्खियों में आया. इसके बाद पीड़िता के पिता की विधायक के भाई तथा अन्य की कथिततौर पर मारपीट के बाद करीब एक सप्ताह के बाद न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी.

CBI ने तीन मामलों में दर्ज की FIR
इस मामले में पहली प्राथमिकी कथित बलात्कार के संबंध में है जिसमें सेंगर और एक महिला शशि सिंह आरोपी हैं. दूसरी प्राथमिकी हिंसा से और पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत से संबंधित है. हिंसा मामले में चार स्थानीय लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, चूंकि पुलिस ने हत्या के आरोप बाद में जोड़े हैं, इसलिए ये सीबीआई की प्राथमिकी में दर्ज नहीं है. तीसरा मामला पीड़िता के पिता के खिलाफ उन आरोपों से जुड़ा है, जिसमें उन्हें शस्त्र कानून के तहत गिरफ्तार करके स्थानीय पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था. वहां रहस्यमयी हालत में उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई है.

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