इस मामले पर उन्नाव के जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार ने शुक्रवार को कहा कि शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण एक न्यायिक प्रक्रिया है. इस मामले में कोर्ट में 2 अगस्त की तारीख लगी हुई है.
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उन्नाव (दयाशंकर) : उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक को जेल गए करीब 1 साल हो गए हैं. लेकिन अब भी उनके पास मौजूद 3 शस्त्र लाइसेंस बरकरार हैं, उन्हें निरस्त तक नहीं किया गया है. उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को माखी गांव की युवती से रेप करने के आरोप में सीबीआई ने 13 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया था. उनके नाम एक सिंगल बैरल बंदूक, एक रायफल और एक रिवाल्वर का शस्त्र लाइसेंस है. गिरफ्तारी के बाद विधायक के सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के लिए जांच रिपोर्ट भी मांगी गई थी. लेकिन इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई.
इस मामले पर उन्नाव के जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार ने शुक्रवार को कहा कि शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण एक न्यायिक प्रक्रिया है. इस मामले में कोर्ट में 2 अगस्त की तारीख लगी हुई है. डीएम ने बताया कि जो प्रशासनिक कार्रवाई होती है, उसमें बिना पक्षों को सुने भी एक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हो सकती है. डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि न्यायिक कार्रवाई में एक प्रक्रिया निहित है. इसमें पक्षों को सुनकर समुचित निर्णय लिया जाए.
डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण में रिपोर्ट आई थी. मई में कुलदीप सिंह सेंगर के वकील द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया. वहीं जून और जुलाई में वकीलों की हड़ताल रही है. न्यायिक कार्य बाधित रहा है. डीएम ने बताया कि असलहे के निरस्तीकरण के मामले में उसमें पहले से आज की डेट लगी हुई है. उस पर न्यायालय में सुनवाई करके समुचित निर्णय न्यायालय द्वारा लिया जाएगा. डीएम ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर के भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई पहले से की जा चुकी है.
बता दें कि उन्नाव के माखी गांव की एक युवती ने बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था. साथ ही उनके भाई समेत अन्य लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था.
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इससे पहले जब इस मामले की कहीं सुनवाई नहीं हुई थी तो वह अपने परिवार के साथ पिछले साल लखनऊ स्थित सीएम आवास के बाहर आत्महत्या करने पहुंची थी. उसे वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बचाया था. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था और जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई थी. सीबीआई ने बाद में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया था. पिछले दिनों आरोपी विधायक को बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया है.