UP के कई सरकारी विभागों के ठेकों में लागू होगी आरक्षण व्यवस्था, डिप्टी CM मौर्य ने दी जानकारी
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UP के कई सरकारी विभागों के ठेकों में लागू होगी आरक्षण व्यवस्था, डिप्टी CM मौर्य ने दी जानकारी

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरक्षण के प्रावधान करने से जहां आरक्षित वर्ग के लोगों को काम करने का भरपूर अवसर मिलेगा, वहीं ठेका में और अधिक प्रतिस्पर्धा भी पैदा होगी. इससे कम लागत में अच्छे से अच्छे काम हो सकेंगे.

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग (PWD), सेतु निगम (UP State Bridge Carporation Ltd) व राजकीय निर्माण निगम (UPSCIDC) में 40 लाख रुपए तक के ठेकों में पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST/OBC) के ठेकेदारों को आरक्षण दिए जाने का प्राविधान जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा.

इस संबंध में उन्होंने सभी संबंधित उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द इसका प्रस्ताव बनाकर उनके सामने प्रस्तुत करें. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. उन्होंने कहा कि उनकी मंशा है कि ठेकेदारी में सभी वर्गों के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिले.

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केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरक्षण के प्रावधान करने से जहां आरक्षित वर्ग के लोगों को काम करने का भरपूर अवसर मिलेगा, वहीं ठेका में और अधिक प्रतिस्पर्धा भी पैदा होगी. इससे कम लागत में अच्छे से अच्छे काम हो सकेंगे. उन्होने कहा कि उनकी मंशा है कि सभी कार्यदाई संस्थाओं/विभागों में ठेकों मे आरक्षण की व्यवस्था हो जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा.

केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि अनुसूचित जाति के ठेकेदारों को 21 प्रतिशत, अनुसूचित जाति/जनजाति के ठेकेदारों को 2 प्रतिशत, पिछडे़ वर्ग के ठेकेदारों को 27 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के गरीब ठेकेदारों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान किया जाएगा. यही नहीं बीटेक व डिप्लोमाधारी बेरोजगार सिविल इंजीनियरों को भी 10 लाख तक के ठेकों में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बेरोजगार सिविल इंजीनियर्स को इसके लिए बैंकों से लिंकेज करा कर ऋण दिलाने की भी कार्यवाही की जाएगी. बेरोजगार युवा इंजीनियरों की ठेकेदारी में प्रतिभागिता से जहां उनकी ऊर्जा का भरपूर उपयोग हो सकेगा, वहीं वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने मे सक्षम हो सकेंगे.

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