जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने मांगी जिला प्रशासन से विशेष सुविधायें
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जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने मांगी जिला प्रशासन से विशेष सुविधायें

सामान्य कैदी की तरह लखनऊ की जिला जेल में जमीन पर कंबल बिछा कर सो रहे और जेल का खाना खा रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पूर्व विधायक और मंत्री होने के नाते जेल में बिस्तर और अन्य सुविधायें दिलायी जायें.

गायत्री प्रजापति एक कमरे में एक दर्जन अन्य कैदियों के साथ रह रहे हैं और एक कंबल पर जमीन में ही सोते है (फाइल फोटो)

लखनऊ: सामान्य कैदी की तरह लखनऊ की जिला जेल में जमीन पर कंबल बिछा कर सो रहे और जेल का खाना खा रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पूर्व विधायक और मंत्री होने के नाते जेल में बिस्तर और अन्य सुविधायें दिलायी जायें.

इस पर जिला प्रशासन ने उन्हें प्रार्थनापत्र देकर उचित माध्यम से अपनी मांगें जिला प्रशासन के समक्ष रखने को कहा है जिस पर जिला प्रशासन कानूनी सलाह लेकर और जेल अधिकारियों से विचार विमर्श कर कोई फैसला लेगा.

गायत्री प्रजापति एक कमरे में एक दर्जन अन्य कैदियों के साथ रह रहे हैं 

अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सरकार में ताकतवर मंत्री रहे और गत 15 मार्च 2017 को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार गायत्री प्रजापति इन दिनों लखनऊ कीगोसाईगंज स्थित जिला जेल में सामान्य कैदियों की तरह बंद है . वह एक कमरे में एक दर्जन अन्य कैदियों के साथ रह रहे हैं और एक कंबल पर जमीन में ही सोते है और जेल से मिलने वाला खाना ही खाते हैं.

लखनउ के जिलाधिकारी :डीएम: कौशल राज शर्मा ने  बताया कि कल शाम वह जिला जेल का दौरा करने गये थे. किसी संदिग्ध वस्तु, मोबाइल आदि की आशंका से उन्होंने पूरी जेल का दौरा किया . इस दौरान वह पूर्व मंत्री गायत्री की बैरक में भी गये और उस बैरक की तलाशी भी कराई लेकिन तलाशी के दौरान जेल में और गायत्री की बैरक में उन्हें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.

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उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक गायत्री ने उनसे मांग की कि उन्हें पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री होने के नाते जेल में विशेष सुविधायें मिलनी चाहिए. इस पर डीएम ने गायत्री से कहा कि उन्हें इस बारे में एक प्रार्थनापत्र जेल अधिकारियों के माध्यम से जिला प्रशासन को भेजना होगा.

डीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रशासन इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे . उन्होंने कहा कि बेहतर है कि पूर्व विधायक इस मामले में अदालत जाएं. अदालत जिला प्रशासन को जो निर्देश देगी उसी के अनुसार कदम उठाए जाएंगे.

 

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