जेवर हवाई अड्डा: योगी सरकार ने जारी की भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना
Advertisement

जेवर हवाई अड्डा: योगी सरकार ने जारी की भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना

नागरिक उड्डयन विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश सूर्य पाल गंगवार ने यह अधिसूचना जारी की.

हवाई अड्डे के पहले चरण में, 1334 हैक्टेयर भूमि की जरूरत है. (फाइल फोटो)

नोएडा: उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में प्रस्तावित हवाईअड्डा के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार (30 अक्टूबर) को इस ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी. जिला प्रशासन ने 17 अक्टूबर को अपने स्तर पर कार्यवाही पूरी कर सरकार को जेवर के छह गांवों की भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा था. इस हवाई अड्डे के लिए कुल पांच हजार हैक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है.

अधिकारियों ने कहा कि हवाई अड्डे के पहले चरण में, 1334 हैक्टेयर भूमि की जरूरत है. राज्य सरकार द्वारा छह गांवों के किसानों की 1239 हैक्टेयर जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा. क्षेत्र की बाकी की 94 हैक्टेयर जमीन पहले से ही सरकार के पास है. नागरिक उड्डयन विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश सूर्य पाल गंगवार ने यह अधिसूचना जारी की.

fallback

एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, प्रस्तावित हवाई अड्डा के लिए कुल 1239.1416 हैक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है. यह अधिसूचना हवाई अड्डा विकास के लिए भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पादर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी की गई. प्रस्तावित हवाई अड्डा के निर्माण में करीब 15 हजार करोड़ रुपये से 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है और इस पर वर्ष 2022- 23 तक विमानों का परिचालन शुरू होने की संभावना है.

आपको बता दें कि जेवर में 200 से अधिक भू-मालिकों ने गौतमबुद्ध नगर जिले में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अपनी जमीन देने पर सितंबर माह में अपनी सहमति व्यक्त की थी, जिसके बाद सहमति देने वाले प्रभावित परिवारों की संख्या 71 फीसद हो गई. स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह ने ये बात कही. भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित क्षतिपूर्ति अधिकार एवं पारदर्शिता अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी ऐसी परियोजना में जमीन अधिग्रहण की दिशा में सरकार के आगे बढ़ने के लिए कम से कम 70 फीसद भू-मालिकों की सहमति अनिवार्य है.

Trending news