आबकारी नीति में एक नियम के तहत अब कोई भी व्यक्ति दो शराब दुकानों से ज्यादा नहीं रख सकता. मतलब किसी भी आवेदक को एक जिले में देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और मॉडल शॉप को मिलाकर केवल दो ही दुकानें आवंटित की जाएंगी.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में टूरिस्ट के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन, क्रूज और एयरपोर्ट पर लाउंज-बार के स्पेशल लाइसेंस देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है. राज्य में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए अब बियर की दुकानों पर वाइन बेचने की छूट भी दे दी गई है. इसका मकसद आबकारी राजस्व को बढ़ाना है. राज्य सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में आबकारी से 35 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है.
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ज्यादा लोगों को मिल सकता है रोजगार
आबकारी नीति में एक नियम के तहत अब कोई भी व्यक्ति दो शराब दुकानों से ज्यादा नहीं रख सकता. मतलब किसी भी आवेदक को एक जिले में देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और मॉडल शॉप को मिलाकर केवल दो ही दुकानें आवंटित की जाएंगी. सरकार का मानना है कि इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश में शराब सिंडिकेट को तोड़ने में मदद मिलेगी. अभी तक 5 से 6 सिंडिकेट मिलकर पूरे प्रदेश की शराब दुकानें चला रहे थे.
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क्लबों पर लगेगी कस्टमर संख्या के हिसाब से लाइसेंस फीस
साथ ही, क्लबों को बार लाइसेंस देने की फीस वहां आए कस्टमर्स की संख्या पर तय की जा रही है. इससे क्लबों पर ज्यादा शराब बिक्री का दबाव कम होगा. इसके अलावा, होटलों की बार लाइसेंस फीस कमरों के आधार पर निर्धारित की जा रही है. हालांकि, शराब दुकानों की लाइसेंस फीस में 10-20 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. सरकार का मानना है कि इस वित्त वर्ष 35000 करोड़ का आबकारी राजस्व हासिल हो जाएगा.
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इतनी बढ़ी लाइसेंस फीस
देशी शरीब दुकान- 10 फीसदी
विदेशी शराब दुकान- 20 फीसदी
बियर दुकान- 15 फीसदी
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धांधली रोकने के लिए की यह व्यवस्था
आबकारी विभाग में पारदर्शिता लाने और दुकानों के आवंटन में धांधली रोकने के लिए 2020-21 की नई आबकारी नीति में नई व्यवस्था की गई है. सरकार का मानना है कि सभी टेंडर सिस्टम ऑनलाइन ही होंगे. यानी पूरे प्रदेश में शराब की दुकानों का नवीनीकरण ऑनलाइन किया जाएगा. ऑफलाइन प्रोसेस पूरी तरह से खत्म हो चुका है.
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