राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने टीबी रोग से पीड़ित बच्ची को लिया गोद, कर्मचारियों ने 21 को अपनाया
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने टीबी रोग से पीड़ित बच्ची को लिया गोद, कर्मचारियों ने 21 को अपनाया

 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तपेदिक (टीबी) से पीड़ित एक बच्ची को गोद लिया है. उनके नक्शेकदम पर चलते हुए राजभवन के कर्मचारियों ने टीबी से पीड़ित 21 अन्य बच्चों को गोद लिया है. 

राज्यपाल ने कहा, "एक बच्चे को गोद लेना एक बाध्यता नहीं है. यह एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है .(फोटो-@anandibenpatel))

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तपेदिक (टीबी) से पीड़ित एक बच्ची को गोद लिया है. उनके नक्शेकदम पर चलते हुए राजभवन के कर्मचारियों ने टीबी से पीड़ित 21 अन्य बच्चों को गोद लिया है. राज्यपाल और अन्य स्टाफ सदस्य बच्चों को उचित दवा और पौष्टिक भोजन मिलना सुनिश्चित करेंगे, ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें. पटेल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना संबंधित कर्मचारियों की जिम्मेदारी होगी कि इन बच्चों को पौष्टिक भोजन, दवाएं और उचित शिक्षा मिले. सभी बच्चे राजभवन के पास के एक इलाके से हैं और इससे उन पर ध्यान देना आसान होगा.

राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राज्यपाल ने सुझाव दिया था कि राजभवन के पास के क्षेत्र से एक शुरुआत की जाए और बाद में इसका प्रसार किया जाए." राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था और इसी को ध्यान में रखते हुए राजभवन ने आगे बढ़कर टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लेने का फैसला किया.

राज्यपाल ने कहा, "एक बच्चे को गोद लेना एक बाध्यता नहीं है. यह एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह समाज की मदद करे. जो लोग अमीर हैं, उन्हें उन लोगों के लिए कुछ पैसे देने चाहिए, जिन्हें मदद की जरूरत है. ये छोटे कदम हैं, लेकिन एक बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं."

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के हर नुक्कड़ और कोने में नहीं पहुंच सकती है और गरीबों की मदद करना आम आदमी की भी जिम्मेदारी है. जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. पी.के. गुप्ता ने कहा कि सिर्फ लखनऊ में, लगभग 14,600 टीबी रोगियों की पहचान की गई है और उन सभी को पोषण भत्ते के रूप में 500 रुपये मिलेंगे.

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