योगी सरकार का फैसला, भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर होंगे जेल से रिहा
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योगी सरकार का फैसला, भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर होंगे जेल से रिहा

यूपी की योगी सरकार ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर के साथ दो अन्‍य आरोपियों सोनू शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है. 

पिछले साल सहारनपुर में हुए जातीय दंगे को भड़काने के आरोप में चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया था

लखनऊ : पिछले साल सहारनपुर में हुए जातीय दंगे के आरोप में जेल की सजा भुगत रहे भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को यूपी सरकार ने जेल से रिहा करने का फैसला लिया है. योगी सरकार ने उनकी रिहाई का फैसला लिया है. राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत चंद्रशेखर उर्फ रावण को पिछले साल सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रावण की रिहाई एक नवंबर को होनी थी, लेकिन सरकार के फैसले के बाद वह इससे पहले ही जेल से छूट जाएंगे.

जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने इस मामले में सोनू, सुधीर, विलास को पहले ही रिहा कर दिया था. सरकार ने चंद्रशोखर की मां की अपील पर विचार करते हुए उनके समयपूर्व रिहाई का फैसला लिया है. सरकार ने चंद्रशेखर के साथ दो अन्‍य आरोपियों सोनू शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है. 

रिहाई के लिए दिल्ली में हुई थी रैली
बता दें कि चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग को लेकर 19 अगस्त को भीम आर्मी द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन किया था. भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रत्न सिंह ने एक वार्ता के दौरान कहा था कि उन्होंने इस रैली के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद की रिहाई और उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले हटाने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों और जातीय भेदभाव से संबंधित मुद्दों पर अंकुश लगाने में सरकार के विफल रहने से गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

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8 जून, 2017 को हुई थी गिरफ्तारी
आजाद उर्फ रावण को सहारनपुर दंगों में उनकी कथित भूमिका के कारण जून, 2017 में गिरफ्तार किया गया था. आजाद को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल ने आठ जून, 2017 को हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया था. आजाद की गिरफ्तारी के करीब छह महीने के बाद उनके खिलाफ रासुका के प्रावधान भी लगा दिए गए थे.

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सहारनपुर हिंसा
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर बीते साल 5 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर सिमराना गांव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान एक शोभायात्रा निकाली गई थी. शोभायात्रा के दौरान शब्बीरपुरा गांव में दो समुदाय के लोग आमने-सामने भिड़ गए थे. तनाव इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से पथराव, गोलीबारी और आगजनी हुई. इस घटना में एक युवक की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया और पूरा सहारनपुर जातीय दंगे की आग में झुलस गया. बड़ी संख्या में आगजनी की गई. लाखों-करोड़ों रुपये की संपत्ति इस दंगे में स्वाह हो गई थी. यूपी समेत देश की राजनीति में खूब हंगामा हुआ. विवाद इतना बढ़ गया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने दलितों पर अत्याचार की बात कहते हुए राज्यसभा से इस्तीफा भी दे दिया था. यूपी सरकार ने दंगों के लिए भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को दोषी ठहराया था. 

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