पुलिस ने सपा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल समेत 6 सभासदों सहित 90 नामजद 650 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है.
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मऊ: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हुआ हिंसक विरोध अब धीरे-धीरे थम रहा है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई जिलों में आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा है. तो वहीं मऊ जिले में पुलिस ने हिंसा करने और भड़काने वालों की तलाश तेज कर दी है.
याद दिला दें कि मऊ में CAA के विरोध में उपद्रवियों ने कई जगहों पर आगजनी और दक्षिण टोला थाना फूंक दिया था. जिसके बाद नेटवर्किंग सिस्टम पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े थे. लेकिन, अब जिले में हालात शांतिपूर्ण हैं. स्थिति सामान्य हो चुकी है. इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. वहीं, स्कूल, कॉलेज और बाजार भी सामान्य दिनों की तरह खुले हुए हैं.
पुलिस ने भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज करना शुरू कर दिया है. पुलिस ने सपा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल समेत 6 सभासदों सहित 90 नामजद 650 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है.
उधर, पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी से पूर्व नगरपालिक अध्यक्ष अरशद जमाल ने कहा कि ये पुलिस का निंदनीय कार्य है. पुलिस के बुलाने पर मैं वहां पर गया था. मुझे सीओ सिटी और अपर पुलिस अधीक्षक ने फोन कर बुलाया था.
अरशद जमाल ने कहा कि अगर पुलिस का रवैया इसी तरह का रहा तो भविष्य में कोई भी सभासद पुलिस की मदद करने का लिए नहीं जायेगा. जिन सभासदों का नाम पर FIR हुई है, उसमें सपा के नगर अध्यक्ष जहीर सेराज, मास्टर समीम, अल्तमश, मोहम्मद मुनऊर, नसीम के नाम हैं.
हालांकि, पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक युवक पर बलवा का मुकदमा दर्ज किया है. जो दुबई में रहता है. इसी तरह से कई लोगों के नाम पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जो इस पूरी घटना में कहीं से नहीं है.
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने बताया कि घटना के बाद जनपद में पूरी तरह से शांति व्यवस्था कायम है. इंटरनेट सेवा बहाल करने के बाद पुलिस का साइबर सेल सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखे हुए है.
पुलिस अधीक्षक ने जनता से अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह के भड़काऊ मैसेज को फॉरवर्ड ना करें, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा हो. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे. 21 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. वहीं सैकड़ों लोगों को 151 के अंतर्गत गिरफ्तार कर कार्रवाई भी की गई. वहीं धारा 149 के तहत लोगों को नोटिस भी दिया गया.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है. लोक संपत्ति अधिनियम के तहत जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसके अंतर्गत भी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधीक्षक ने साफ किया कि सरकारी संपत्ति को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी. वीडियो फुटेज और मीडिया फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित किया जा रहा है. अबतक 220 लोगों का फोटो तैयार किया जा चुका है. जिन पर कार्रवाई के लिए पुलिस टीम तैयार है.