उत्तर प्रदेश में दो साल 2027 में विधानसभा चुनाव: एक अनार सौ बीमार, यूपी बीजेपी में संगठन के चुनाव पर जबरदस्त रार
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उत्तर प्रदेश में दो साल 2027 में विधानसभा चुनाव: एक अनार सौ बीमार, यूपी बीजेपी में संगठन के चुनाव पर जबरदस्त रार

BJP organisational elections: यूपी में दो साल बाद मतलब 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले अगले साल पंचायत चुनाव होने है लेकिन यूपी भाजपा में पद और समायोजन की आस लगाए तमाम कार्यकर्ताओं का इंतज़ार लंबा होता जा रहा है.

UP Politics
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UP Politics: एक अनार सौ बीमार जी हां यूपी बीजेपी में संगठन के चुनाव पर जबरदस्त रार इस बात का संकेत दे रही है. तारीख़ पर तारीख़ जी हां. यूपी में चाहे बचे हुए जिलाध्यक्षों के ऐलान की बारी हो या नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती की बात हो या निगम आयोग बोर्ड में भाजपा कार्यकर्ताओं के समायोजन के साथ साथ मोर्चो और प्रदेश की भाजपा की टीम में बदलाव की बात हो हर बार नई तारीख़ मिल जाती है. लिस्ट के तैयार हो जाने के बाद भी उसे जारी करने में पार्टी नेतृत्व को पसीने छूट रहे हैं. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सब हैरान परेशान है लेकिन यूपी में बीजेपी के इन तमाम पदों पर फैसला हर बार टलता जा रहा है.  पार्टी इन पदों के बहाने ही सब अपनी गोटियां सेट करने में जुटी है लेकिन पदाधिकारियों की लिस्ट न आने की वजह से लगातार कार्यकर्ताओं में मायूसी आ गयी है.

भाजपा के 28 बचे हुए जिलाध्यक्षों की सूची अभी तक नहीं हुई जारी 
यूपी में भाजपा के 28 बचे हुए जिलाध्यक्षों की सूची अभी तक जारी नही हुई है. मनोनीत पार्षद वाली सूची संगठन से तैयार होने के बाद भी जारी नही हुई. कई निगम आयोग बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा मेंबर तक कि लिस्ट काफी लंबे समय से बनकर तैयार है लेकिन जारी नही हुई. यूपी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी टलती जा रही है.प्रदेश की भाजपा की नई टीम की घोषणा में भी बहुत देरी हो रही है.यूपी भाजपा के सभी मोर्चो की टीम में भी बदलाव बहुत पहले होना था सूची तैयार भी हुई लेकिन जारी नही हुई.

यूपी में हर पद के लिए सूची तैयार होने से पहले उस जिले के पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों से चर्चा हुई. इसके बाद हर पद के लिए कुछ नेताओं के नाम का पैनल बना. फिर यूपी बीजेपी कोर कमेटी से इस पर चर्चा हुई फिर आरएसएस के क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों से विचार विमर्श हुआ लेकिन उसके बाद भी सूची जारी नही हो पाई.

उत्तर प्रदेश में सूची ना आने की वजह से उन कार्यकर्ताओं और नेताओं में काफी मायूसी है जो लंबे समय से पार्टी के प्रति निष्ठावान है अपने समायोजन का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में बस इतना ही समझा जा सकता है कि यूपी भाजपा की सूची जारी होने के जवाब पर कार्यकर्ताओं को मिल रही है तारीख पर तारीख.

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