बीजेपी-कांग्रेस के बाद बसपा जिलाध्यक्ष सूची का ऐलान, 2027 चुनाव के लिए मायावती का बड़ा कदम
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2693223

बीजेपी-कांग्रेस के बाद बसपा जिलाध्यक्ष सूची का ऐलान, 2027 चुनाव के लिए मायावती का बड़ा कदम

UP Politics News: आकाश आनंद और उनके ससुर पर एक्शन के बाद बसपा प्रमुख मायावती नए सिरे से संगठन को धार देने की तैयारी में हैं. बसपा प्रमुख कांशीराम के समय के फॉर्मूले पर आगे बढ़ा जाएगा.

bsp chief mayawati
bsp chief mayawati

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से पहले बसपा संगठन को धार देने की तैयारी में है. इसकी कड़ी में पार्टी के अंदरखाने कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ संगठन में युवाओं को खास तवज्जो दी जाएगी तो वहीं पार्टी में फिर से सलाहकार के पद को भी बहाल किया जा रहा है. पार्टी संस्थापक कांशीराम के समय में यह पद हुआ करता था. पार्टी के वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को अब बतौर सलाहकार सभी जिलों में रखा जा रहा है. बसपा प्रमुख ने आज बड़ी बैठक कर कई बड़े फैसले लिए हैं.

बसपा सुप्रीमो ने जारी की जिलाध्यक्षों की लिस्ट
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ मंडल के जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है. बीएसपी में भाईचारा संगठन के संयोजक नियुक्त किए गए. भाईचारा संगठन के संयोजक अब पार्टी के लिए जनाधार बढ़ाएंगे. शैलेंद्र गौतम लखनऊ के बीएसपी जिला अध्यक्ष बनाए गए. राजेश कुमार फौजी रायबरेली के बीएसपी के जिला अध्यक्ष बनाए गए. दिनेश गौतम उन्नाव के बीएसपी जिला अध्यक्ष बनाए गए. सुरेश चौधरी हरदोई के बीएसपी जिला अध्यक्ष बनाए गए. विपिन कुमार गौतम लखीमपुर खीरी के बीएसपी के जिला अध्यक्ष बनाए गए. विकास राजवंशी सीतापुर बसपा के जिला अध्यक्ष बनाए गए.

मायावती ने खुद संभाली कमान
भतीजे आकाश आनंद और उसके ससुर अशोक सिद्धार्थ को बसपा से बाहर करने के बाद मायावती अब खुद पार्टी की पूरी तरह से कमान संभालकर संगठन को दुरुस्त करने में लगी हुई हैं. संगठन को नए सिरे से मजबूत करने और सत्ता की चाबी दोबारा हासिल करने के लिए पुराने आजमाए हुए फॉर्मूले को ही अब अपनाया जाएगा. मायावती पहले भी साफ संदेश दे चुकी हैं कि मेहनतकश कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा.

ओबीसी में पैठ बनाने की कोशिश
बता दें कि 2012 में सूबे की सत्ता गंवाने के बाद जिन भाईचारा कमेटियों का अस्तित्व ही खत्म हो गया था. अब उन्हीं कमेटियों का गठन किया जा रहा है, जिससे पार्टी पिछड़े वर्ग की बड़ी आबादी में पैठ बना सके. बसपा प्रमुख कमेटियों की बहाली के साथ ही दलितों के साथ सबसे ज्यादा पिछड़े वर्ग को साथ जोड़ने पर लगी हुई है. कमेटी में जहां जिस पिछड़े वर्ग की जाति की आबादी ज्यादा होगी, उसे अनुसूचित जाति के पदाधिकारियों के साथ रखा जाएगा.

बसपा सुप्रीमो ने दिया साफ संदेश
बता दें कि हाल ही में बसपा सु्प्रीमो मायावती ने बड़ा एक्शन लेते हुए भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटाने के एक दिन बाद बसपा से निष्कासित कर दिया था. उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी बसपा प्रमुख ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था. साथ ही साफ कर दिया कि बसपा को कुछ दल किस्म-किस्म के हथकंडे अपना कर कमजोर करने में लगी हैं. लेकिन मैं अपने भाई-बहन के रिश्ते में बसपा को कमजोर नहीं होने देंगी. जो भी कार्यकर्ता मेहनत करेगा. उसको जिम्मेदारी दी जाएगी. कहा कि मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा.

यूपी में कौन से 28 जिले, जहां जिलाध्यक्ष घोषित नहीं कर पाई बीजेपी, वाराणसी-अलीगढ़ से अयोध्या तक अटकी लिस्ट

यूपी में कब होंगे पंचायत चुनाव, 2027 के पहले बीजेपी और सपा में सेमीफाइनल, शहरों में शहंशाह भाजपा क्या गांव में भगवा फहरा पाएगी

 

 

Trending news

;