UP Latest News: यूपी में विधायकों के 'पास' की रंगबाजी खत्म होने वाली है. अब सिर्फ 2 पास जारी किए जाएंगे. आइए जानते हैं कि इस पास के क्या फायदे हैं और इसे क्यों बंद किया जा रहा है. इस फैसले को लेकर विधायकों ने क्या कहा?
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UP Hindi News: उत्तर प्रदेश में विधायकों द्वारा विधानसभा पास के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है. अब एक विधायक को अधिकतम दो पास ही जारी किए जाएंगे. यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने लिया है, जिसके तहत अप्रैल के अंत तक पहले से जारी सभी पास निरस्त कर दिए जाएंगे.
क्या है विधानसभा पास और इसका दुरुपयोग?
विधानसभा पास विधायकों को दिए जाने वाले विशेष पास होते हैं, जिनका इस्तेमाल विधानसभा में प्रवेश के लिए किया जाता है. लेकिन अक्सर इनका उपयोग टोल टैक्स बचाने, सचिवालय के विभिन्न भवनों में बेरोकटोक आने-जाने और पार्किंग शुल्क से बचने के लिए भी किया जाता है.
विधायक पास के फायदे
1. टोल प्लाजा पर शुल्क नहीं देना पड़ता.
2. सचिवालय के किसी भी भवन में बिना रोक-टोक प्रवेश मिलता है.
3. पब्लिक प्लेसेस जैसे एयरपोर्ट या अन्य स्थानों पर पार्किंग शुल्क नहीं देना पड़ता
4. पुलिस आमतौर पर पास लगी गाड़ियों को नहीं रोकती.
नए नियम और RF आईडी पास की व्यवस्था
अब विधायकों को मैन्युअल पास की जगह RF आईडी पास जारी किए जाएंगे. ये पास रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित होंगे, जिससे सचिवालय के गेट स्वचालित रूप से खुल जाएंगे.
नए नियम के फायदे
किसी भी विधायक को सिर्फ 2 पास मिलेंगे, अनगिनत पास जारी करने पर रोक लगेगी.
टोल पर छूट केवल तभी मिलेगी जब विधायक खुद गाड़ी में मौजूद होंगे.
पास का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा, जिससे दुरुपयोग की संभावना कम होगी.
नया पास जारी कराने के लिए पहले के पास को जमा करना होगा.
हालांकि, कुछ विधायकों ने इस नई व्यवस्था पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि कई बार एयरपोर्ट या अन्य स्थानों पर गाड़ियां लेने आती हैं, ऐसे में वाहन के लिए पास जरूरी है, न कि सिर्फ विधायक के लिए. फिर भी, इस बदलाव को पारदर्शिता और व्यवस्था सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.