गोरखपुरः कुछ कर गुजरने का हौसला अगर इंसान के अंदर हो तो वह अपने साथ कई और लोगों की जिंदगी भी बना सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी है गोरखपुर के प्रियंका की है. प्रियंका ने खुद के दम पर करीब सात दर्जन लड़कियों को अब तक स्वावलंबी बना दिया है. गरीब घरों से संबंध रखने वाली इन लड़कियों को निःशुल्क ब्यूटीशियन, कुशन मेकिंग एवं हस्तशिल्प का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लायक बना चुकी हैं और बना भी रही हैं. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन लड़कियों को कभी उनके संपर्को से तो कभी प्रियंका के सहयोग से रोजगार मिलता रहता है.
गोरखपुर के नया गांव इलाके की रहने वाली ने ज्योति के घर की हालत काफी खराब थी. पिता की आय का कोई ठिकाना नहीं, मां दूसरे के घरों में काम करके परिवार चलाती थीं. कच्चे मकान में परिवार किसी प्रकार गुजर-बसर कर रहा था. यह दोनों प्रियंका के संपर्क में आई और छह महीने का कोर्स किया. कुछ दिन तक एक ब्यूटी पार्लर में काम किया. फिर शादी व अन्य कार्यक्रमों में घर-घर जाकर दुल्हन सजाने, मेहंदी लगाने का काम करने लगीं. अब इन्हें 8 से 10 हजार की आय महीने में होती है.
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ज्योति जैसी 80 से ऊपर लड़कियां हैं जिनकी जिंदगी सवारने का काम पिछले 3 साल से गोरखपुर के सुभाष नगर इलाके की रहने वाली प्रियंका कर रही हैं. स्वावलंबी बनकर घर की आर्थिक हालत सुधारने वाली ये लड़कियां कुछ उदाहरण मात्र हैं. प्रियंका कुशवाहा ने देवरिया आइटीआइ से हेयर एंड स्किन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. उसके बाद एक प्रतिष्ठित संस्था से स्किन ट्रीटमेंट का कोर्स किया. गरीब घरों को लड़कियों को देकर उनके मन में अपने इस कौशल को बांटने का ख्याल आया.
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प्रियंका के पड़ोस की एक महिला ने उन्हें सेवा भारती संस्था के बारे में बताया. वहां से प्रेरित होकर प्रियंका ने साल 2016 को सुभाषचंद्र बोस नगर स्थित अपने घर में मां सौंदर्य प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया. प्रियंका का फोकस दुर्बल आयवर्ग के घरों की लड़कियों को स्वावलंबी बनाने पर है. प्रियंका ने गरीब घरों में जाकर वहां की लड़कियों को अपने साथ जोड़ने की शुरुआत की. कई जगहों पर लोगों का सपोर्ट मिला लेकिन अधिकतर घरों में लोग अपनी बेटियों को यहां भेजने को तैयार नहीं हुए. लेकिन जैसे-जैसे यहां से सीखकर लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी होती गई उसी तरह से यहां पर सीखने वालों की भीड़ बढ़ती गई.
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अब तक वह 80 से अधिक लड़कियों को प्रशिक्षण दे चुकी हैं. उनमें से अधिकतर या तो निजी स्तर पर आय अर्जित कर रही हैं या कहीं नौकरी कर. ब्यूटीशियन के अलावा कुशन बनाना व पैराशूट के धागे से मिरर स्टैंड आदि वस्तुओं के निर्माण का भी प्रशिक्षण दिया जाता है. इन वस्तुओं के लिए बाजार भी प्रियंका उपलब्ध कराती हैं. प्रशिक्षण में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की व्यवस्था भी वह स्वयं करती हैं. प्रियंका खुद भी पॉर्लर चलाती हैं और उसकी आय से इन लड़कियों के जीवन को सुधारती हैं.