कोरोना काल में किसानों के लिए 'संकटमोचक' बनी योगी सरकार, गेहूं खरीदी भी हुई, चीनी मिलें भी चलीं
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कोरोना काल में किसानों के लिए 'संकटमोचक' बनी योगी सरकार, गेहूं खरीदी भी हुई, चीनी मिलें भी चलीं

लॉकडाउन के बाद भी युद्धस्तर पर सरकार गेहूं खरीद कराती रही. FPC  के माध्यम से किसानों के खेतों पर जाकर भी गेहूं खरीदा गया. फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन के दौरान यूपी सरकार ने कृषि यंत्रो को खेतों तक जाने की सबसे पहले छूट दी थी. योगी सरकार ने इस सत्र में गन्ना किसानों को 20 हजार करोड़ का भुगतान भी किया.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (File Photo)

लखनऊ: कोरोना आपदा के दौरान गेहूं किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार संकटमोचक बनी है. योगी सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद गेहूं की खरीदी का काम जारी रखा और अब 3 हजार 890 करोड़ की भुगतान राशि किसानों के खातों में भेजी है. योगी सरकार ने 2 करोड़ 4 लाख किसानों को कोरोना आपदा के दौरान ही दो बार 2- 2 हजार रुपये की किसान सम्मान निधि भी दी है. 

लॉकडाउन के बाद भी हुई गेहूं की खरीदी 
लॉकडाउन के बाद भी युद्धस्तर पर सरकार गेहूं खरीद कराती रही. FPC  के माध्यम से किसानों के खेतों पर जाकर भी गेहूं खरीदा गया. फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन के दौरान यूपी सरकार ने कृषि यंत्रो को खेतों तक जाने की सबसे पहले छूट दी थी. योगी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 3.477 लाख क्विंटल गेहूं किसानों से खरीदा. जिसके बाद 3 हजार 890 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया. लॉकडाउन के दौरान ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8887 मीट्रिक टन चने की भी खरीद हुई और उसका भुगतान किया गया.

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उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन 
इस सत्र में 11 हजार 500 लाख क्विंटल गन्ने की भी पेराई हुई और यूपी में रिकार्ड 1251 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया. इस तरह उत्तर प्रदेश देश का नंबर 1 चीनी उत्पादक प्रदेश बन गया. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सभी 119 चीनी मिलें चलाईं. योगी सरकार ने इस सत्र में गन्ना किसानों को 20 हजार करोड़ का भुगतान भी किया. ये रकम किसानों के खाते में सीधे भेजी गई. पिछले 3 सालों में योगी सरकार ने  गन्ना किसानों को 99 हजार करोड़ का भुगतान किया. 72 हजार 424 श्रमिकों को भी 119 चीनी मिलों में रोजगार दिया गया. 30 से 40 हजार किसान चीनी मिलों से सीधे जुड़े, जबकि गन्ना छिलाई में भी हर दिन 10 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया गया. 

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