जब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह नहीं होंगे संतुष्ट, नहीं खुलेंगे 8वीं तक के स्कूल- डिप्टी सीएम
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जब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह नहीं होंगे संतुष्ट, नहीं खुलेंगे 8वीं तक के स्कूल- डिप्टी सीएम

डिप्टी चीफ मिनिस्टर दिनेश शर्मा ने कोरोना के हालात को लेकर रिपोर्ट तलब की है. उनका कहना है कि जब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर शासन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

लखनऊ: कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाया गया था, जिसे अलग-अलग फेज में खोला गया. मार्च में बंद किए गए स्कूल अक्टूबर में खुले, लेकिन केवल क्लास 9 से क्लास 12 तक के बच्चों के लिए. प्रदेश में 9वीं क्लास से नीचे के स्कूल कब खुलेंगे इसके लिए कई दिनों से सरकार विचार मंथन कर रही है. हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक यूपी में 8वीं क्लास तक के स्कूल खुलने के आसार अभी नहीं दिख रहे हैं. 

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पहले बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह होंगे संतुष्ट
डिप्टी चीफ मिनिस्टर दिनेश शर्मा ने कोरोना के हालात को लेकर रिपोर्ट तलब की है. उनका कहना है कि जब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर शासन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे. पहले इस बात की पुष्टि की जाएगी कि कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव बच्चों पर नहीं पड़ेगा, उसके बाद ही स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा. रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है,  उसका विश्लेषण करने के बाद ही विचार-विमर्श कर यह फैसला लिया जाएगा कि बच्चों के स्कूल खोले जाएं या नहीं.  

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19 अक्टूबर को खुले थे 9-12 क्लास के स्कूल
यूपी में कंटेनमेंट जोन के अलावा सभी बोर्ड के स्कूल 19 अक्टूबर से खोल दिए गए थे. पहले क्लास 9 से 12 तक के स्कूल खोले गए. स्कूल आने के लिए माता-पिता की लिखित सहमति जरूरी थी. किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया गया था. साथ ही, जो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते थे, उन बच्चों की क्लासेज पहले की तरह ऑनलाइन चलती रही. इसके अलावा, क्लासेज 2 शिफ्ट में चल रही थीं. पहली शिफ्ट में क्लास 9 और 10, जबकि दूसरी शिफ्ट में क्लास 11 और 12 की पढ़ाई हो रही थी. क्लास में पहले दिन केवल 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही बुलाए जाने का आदेश हुआ था. बाकी 50 फीसदी अगले दिन. ऐसे ही रोटेशन चलाते रहने को कहा गया था.

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