उत्तर प्रदेश DGP का बयान, 'CAA ​हिंसा के पीछे PFI का हाथ, अब तक 108 सदस्य गिरफ्तार'
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उत्तर प्रदेश DGP का बयान, 'CAA ​हिंसा के पीछे PFI का हाथ, अब तक 108 सदस्य गिरफ्तार'

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते चार दिनों में राज्य भर से अब तक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कुल 108 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.

 यूपी के कार्यवाहक डीजीपी एचसी अवस्थी.

लखनऊ: सीएए के विरोध के दौरान हुई हिंसा में पीएफआई की भूमिका अहम है. इसको लेकर पुलिस लगातार पीएफआई पर शिकंजा कस रही है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते चार दिनों में राज्य भर से अब तक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कुल 108 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. उन्होंने अपने बयान में पीएफआई के देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने की बात भी कही. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अश्विनी कुमार अवस्थी भी उपस्थित रहे. 

PFI की देश विरोधी गतिविधियां
डीजीपी अवस्थी ने अपने बयान में कहा, 'वर्ष 2001 में भारत सरकार द्वारा सिमी पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दक्षिण भारत के तीन संगठनों नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट ऑफ केरला, मनिथा निथयी पषदी तमिलनाडु और कर्नाटका फोरम फॉर डिग्निटी ने आपस में विलय कर साल 2006 में 22 नवंबर को केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम से नया संगठन बनाया. पीएफआई का विस्तार संपूर्ण उत्तर प्रदेश में है. मुख्य रूप से वेस्ट यूपी में यह संगठन ज्यादा सक्रिय है. इस संगठन द्वारा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.' 

CAA हिंसा के पीछे पीएफआई 
उन्होंने आगे कहा, 'पीएफआई ने विगत 19 और 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हिंसा भड़काया और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया. उस समय हुई गिरफ्तारियों में पीएफआई के 25 सदस्य शामिल थे. ​इनमें पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद, प्रदेश कोषाध्यक्ष नदीम अहमद, डिविजन इंचार्ज बाराबंकी-बहराइच मौलाना अशफाक, डिविजन इंचार्ज वाराणसी नईस अहमद, एडहॉक कमिटी मेंबर नसीरुद्दीन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल थे.' 

कहां से कितनी गिरफ्तारियां?
डीजीपी ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ दबिश लगातार जारी रहेगी और हिंसा में संलिप्त अन्य सदस्यों की भी पहचान की जाएगी. गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई ​की जाएगी. डीपीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि पिछले 4 दिनों में लखनऊ से 14, सीतापुर से 3, मेरठ से 21, गाजियाबाद से 9, मुजफ्फरनगर से 6, शामली से 7, बिजनौर से 4, वाराणसी से 20, कानपुर से 5, गोंडा से 1, बहराइच से 16, हापुड़ से 1, जौनपुर से 1 पीएफआई मेंबर को गिरफ्तार किया गया है. 
 

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